
- सन 2013 में केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम राजगीर आए थे
- हेलिकॉप्टर ख़राब होने पर चिदंबरम को कार में ले गए थे नीतीश
- कहा- अगर यूपीए सरकार चाहती तो विशेष राज्य का दर्जा दे सकती थी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ करते हैं तो उसके पीछे ज़रूर कोई उद्देश्य होता हैं. यह बात खुद उन्होंने सोमवार को मानी. उन्होंने कहा कि जब वे पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को राजगीर से पटना के सदाकत आश्रम छोड़ने गए थे तो उन्हें उम्मीद थी कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाएगा.
नीतीश कुमार से सोमवार को जब यह पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था और नीतीश भी इस मुद्दे पर सबसे मुखर रहे हैं, तो उनका कहना था कि सबसे पहले ये सर्वदलीय मांग है. इस सम्बंध में विधानसभा से प्रस्ताव भी पारित हो चुका है.
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हालांकि नीतीश ने साथ-साथ यह भी कह डाला कि 2013 में जब उस समय के केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम राजगीर आए थे तब उनका हेलिकॉप्टर ख़राब होने पर उन्हें वे अपनी गाड़ी में बिठाकर लाए थे. उन्हें उम्मीद थी कि विशेष राज्य का दर्जा मिल जाएगा. लेकिन उस समय जो इस मुद्दे पर समिति बनी थी उसने इसे लटका दिया. नीतीश का कहना था कि अगर यूपीए सरकार चाहती तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे सकती थी.
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नीतीश के जवाब से साफ है कि वे फिलहाल इस मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं देना चाहते. हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमेशा व्यंग्य करते थे कि अपने वादे को पूरा करो.