जनता दल यूनाइटेड (JDU) सुप्रीमो और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक समय में उनके करीबी रहे और अब उनकी कोपभाजन के शिकार पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं. इसलिए नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन के इशारे पर पार्टी की बिहार इकाई ने रामचंद्र प्रसाद सिंह से उनके द्वारा पिछले कुछ वर्षों में खरीदे गए 58 प्लॉट्स को लेकर सवाल किए हैं. पार्टी की बिहार इकाई ने इन प्लॉट का ब्योरा देते हुए पूछा है कि इसमें कई भूखंड की जानकारी उनके चुनावी हलफनामे में भी नहीं हैं और ये अकूत संपति अर्जित की हैं जो अनियमित लगती है.
जदयू बिहार इकाई के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को पत्र लिखकर उनसे जवाब मांगा है. कहा है कि बताएं कि कैसे नालंदा जिले के दो प्रखंड में उन्होंने चालीस बीघा जमीन खरीदी और क्या ये आपकी नियमित आमदनी से खरीदी गई है. हालांकि, इस नोटिस में माना गया है कि अधिकांश भूखंड उन्होंने अपनी पत्नी या बेटी के नाम से खरीदा है. लेकिन पार्टी ने पूछा है कि उन्होंने इस संपत्ति को चुनावी हलफनामे में क्यों नहीं दिखाया? फिर दान वाली जमीन आपने कैसे खरीदी?
इस पत्र से साफ है कि आय से अधिक संपति को आधार बनाकर पार्टी के दो शीर्ष नेता नीतीश कुमार और ललन सिंह अब आरसीपी के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं. नीतीश कुमार ने पिछले दो महीने के दौरान आरसीपी सिंह को ना केवल राज्यसभा की सदस्यता से वंचित किया बल्कि पटना में वो जिस घर में रहते थे उस घर को भी मुख्य सचिव को आवंटित कर खाली करने पर मजबूर कर दिया. और अब जमीन का मामला सार्वजनिक कर पार्टी से उनकी विदाई की एक तरह से औपचारिकता पूरी की जा रही है. माना जा रहा है कि आरसीपी भले जो भी जवाब दें लेकिन पार्टी उसे असंतोषजनक करार कर उन्हें पार्टी से निलंबन की कार्रवाई शुरू करेगी.
बिहार में नीतीश की मर्ज़ी के मुताबिक कैसे आरसीपी सिंह उनके खिलाफ बागी हो रहे हैं
वहीं, आरसीपी सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि अधिकांश भूखंड उनकी बेटियों या पत्नी के नाम पर हैं, जो आयकर जमा करती हैं. विभाग में उन्होंने खरीद-बिक्री की जानकारी दे रखी थी. इसके अलावा उनके खाते या उनके नाम से कोई भूखंड की खरीद-बिक्री नहीं हुई. ऐसे में ये आरोप लगाना कहां से उचित हैं कि लालू स्टाइल में उन्होंने जमीन अर्जित की. उन्होंने पार्टी के नेताओं से पूछा कि वो बताएं कि आखिर किसी भूखंड के बदले उन्होंने किसी को उपकृत किया हो. ये सब आरोप बेबुनियाद हैं और जिसने भी जांच की उसे उनसे भी पूछताछ कर लेनी चाहिए थी.
आरसीपी सिंह ने कहा, 'मैंने मेहनत से अपनी पहचान बनायी है'