- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए ने सीटों का बंटवारा कर दिया है, जिसमें सहयोगी दलों में असंतोष उभरा है.
- हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी को चुनाव के लिए 6 सीटें मिली हैं, जो उनकी मांग से कम हैं.
- मांझी ने कहा कि छह सीटें देकर उनके दल के महत्व को कम आंका गया है, जिससे एनडीए को नुकसान हो सकता है.
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA ने सीटों का बंटवारा कर दिया है. हालांकि सीट बंटवारे के ऐलान के बाद सहयोगी दलों की नाराजगी भी सामने आने लगी है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी सीट शेयरिंग से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने पार्टी को मिली सीटों पर असंतोष जताया है और यहां तक कह दिया है कि हो सकता है कि इसका खामियाजा एनडीए को भुगतना पड़े. मांझी को बिहार चुनाव में 6 सीटें मिली हैं.
जीतन राम मांझी ने कहा, "आलाकमान ने जो निर्णय किया है, वो निर्णय शिरोधार्य है. लेकिन 6 सीट देकर के हमारे जो महत्व है. उसको उन्होंने कम करके आंका है. जिसका हो सकता है कि हमारे एनडीए को खामियाजा भुगतना पड़े."
चिराग को 29 तो मांझी को महज 6 सीटें
बिहार चुनाव में बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो चिराग पासवान की पार्टी को 29 सीटें दी गई हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी की पार्टी को 6-6 सीटें दी गई हैं. हालांकि सीट बंटवारे के बाद मांझी नाराज हो गए हैं. जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की ओर से ‘‘कम से कम 15 सीट'' की मांग की गई थी.
पिछली बार 7 पर लड़ा चुनाव, 4 पर जीते
पिछले चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसके चार उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी. हालांकि एनडीए ने इस बार उन्हें छह सीटें दी हैं. वहीं पिछली बार 135 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद महज एक सीट जीतने वाले चिराग पासवान को 29 सीटें दी गई है. वहीं पासवान की पार्टी के इकलौते उम्मीदवार ने भी बाद में पाला बदल लिया था.