बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) की शनिवार से शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सामूहिक रूप से मुकाबला करने के अलावा महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे प्रमुखता से उठ सकते हैं.
जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एकजुट विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनने की चर्चा जोरों पर है.
पार्टी द्वारा बैठक स्थल पर लगाए गए होर्डिंग के नारों में नीतीश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़ा करने का इशारा किया गया है. हालांकि, वे सीधे तौर पर भाजपा नेता का जिक्र नहीं करते हैं.
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गौरतलब है कि बिहार में सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को छोड़कर किसी भी बड़ी पार्टी ने अब तक इस तरह के आह्वान (नीतीश को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने) का समर्थन नहीं किया है. जदयू अपनी बैठक में विपक्ष को एकजुट करने की आवश्यकता पर भी ध्यान केंद्रित कर सकता है.
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान ने कहा कि देशभर के लगभग 110 पार्टी नेता, जिनमें इसकी 26 राज्य इकाइयों के अध्यक्ष शामिल हैं, शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेंगे.
रविवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के 250 से अधिक नेता शामिल होंगे. खान ने कहा कि नीतीश के दोनों दिन सम्मेलन को संबोधित करने की उम्मीद है.