किस्‍मत इसे कहते हैं, गाली पर नौशाद का छिना टिकट, ऋषि मिश्रा की लग गई लॉटरी

कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में दरभंगा जिले के जाले निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा के पौत्र ऋषि मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है. पहले ऐसी खबरें थीं कि पार्टी जाले से मोहम्मद नौशाद को टिकट दे सकती है, जिनके मंच से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिवंगत मां को लेकर अपशब्द कहे गए थे.

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हार कर जीतने वाले को ऋषि मिश्रा कहते हैं
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  • बिहार के दरभंगा जिले की जाले विधानसभा सीट पर महागठबंधन के बीच अंतिम समय तक टिकट वितरण को लेकर विवाद रहा
  • कांग्रेस ने नौशाद को जाले सीट से उम्मीदवार बनाया, जबकि उनके खिलाफ पुलिस ने वारंट जारी किया था
  • नौशाद के खिलाफ भाजपा ने बिहार बंद कराया और मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था
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पटना:

यदि आप चमत्कार या किस्मत में विश्वास करते हैं, तो यह कहानी आपके लिए है. यह कहानी बिहार चुनाव की भी है. ये कहानी है दरभंगा के जाले विधानसभा की. महागठबंधन में इस सीट को लेकर अंत अंत तक गतिरोध बना रहा कि कौन-सी पार्टी जाले विधानसभा लड़ेगी. मामला अंतिम दिन तक गया और खबर आती है कि यह सीट महागठबंधन के तरफ से कांग्रेस लड़ेगी. कांग्रेस ने नामांकन के एक दिन पहले जो सूची निकाली, उसमें जाले विधानसभा का जिक्र नहीं था, लेकिन सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की तरफ से नौशाद इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. नौशाद वही शख्स हैं, जिसके मंच या कहें उस मंच से जहां इसका पोस्टर लगा था, प्रधानमंत्री की मां के लिए अपशब्द बोले गए थे. 

हालांकि, नौशाद इस सब में अपना हाथ होने से इनकार करता है. इस मामले को बीजेपी ने खूब उछाला. बिहार बंद किया गया, मामले में मुकदमा दर्ज किया गया. नौशाद के खिलाफ वारंट जारी किया गया. अब जब कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि नौशाद जाले से उम्मीदवार बनाया गया है, तो उनसे यह सवाल भी पूछा गया कि उसको तो पुलिस गिरफ्तार कर लेगी, क्योंकि यह भगोड़ा है? 

वारंट जारी, फिर भी कांग्रेस ने नौशाद को... 

सबसे महत्वपूर्ण बात है कि क्या कांग्रेस के नेताओं को यह मालूम नहीं था कि उन्होंने एक ऐसे शख्स को टिकट दे दिया है, जिसके खिलाफ वारंट जारी है और जो दिख जाए तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी. जब मीडिया में यह खबर चली, तब कांग्रेस को मामले की गंभीरता समझ में आई. दूसरी तरफ जाले सीट पर आरजेडी से ऋषि मिश्रा भी लगातार कोशिश में टिकट पाने के लिए मेहनत मशक़्क़त कर रहे थे. उन्हें उम्मीद थी कि जाले सीट आरजेडी के हिस्से में आएगी और वो चुनाव लड़ेगें. मगर जब खबर आई कि जाले सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है, तो ऋषि मिश्रा निराश हो गए उन्हें लगा कि किस्मत में इस बार उनका चुनाव लड़ना नहीं होगा. 

ऋषि मिश्रा की लग गई लॉटरी

लेकिन ऋषि मिश्रा को पता नहीं था कि असली खेल अभी बाकी है. रातों रात कांग्रेस ने तय किया कि आरजेडी के उम्मीदवार को वो अपना सिंबल देगी.और सुबह में ऋषि मिश्रा को कांग्रेस का सिंबल दिया गया. ये सब चीजें पटना में हो रही थीं और ऋषि मिश्रा को 3 बजे तक सारे कागजातों के साथ नामांकन करना था. पटना से दरभंगा पहुंचने में चार घंटे लगते हैं. ऋषि मिश्रा पटना से भागते हैं दरभंगा के लिए और करीब 1 बजे नामांकन के लिए पहुंच जाते हैं और कांग्रेस के सिंबल पर नामांकन करते हैं, उसके पहले दरभंगा आने से पहले ऋषि मिश्रा को पटना में कांग्रेस का सदस्य बनाया गया और कांग्रेस का सिंबल दिया गया. नामांकन के बाद ऋषि मिश्रा ने कहा कि वो महागठबंधन के उम्मीदवार हैं और लालू यादव और तेजस्वी को धन्यवाद दिया.

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