- बिहार के चर्चित शिक्षक खान सर ने कहा कि अवध ओझा सीनियर टीचर हैं, अब वो राजनीति में गए हैं. मेरा मानना है कि पढ़े लिखे लोगों को राजनीति में आना चाहिए.
- खान सर ने कहा कि जहां तक मेरा सवाल है, मुझे बच्चों को पढ़ाने से फुर्सत नहीं है. साल 2024 में भी हमसे लोगों ने पूछा था. मैं साफ कर देता हूं कि 2025 में होने वाले चुनाव में दिलचस्पी नहीं है.
- बीपीएससी द्वारा बापू परीक्षा परिसर केंद्र की परीक्षा रद्द करने पर खान सर ने कहा कि वहां पर हंगामा ज्यादा हुआ था, लेकिन बीपीएससी को एक कमेटी बनाकर और भी परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी जांच करनी चाहिए. हम लोग टीचर हैं और हमारे पास भी खबरें आती हैं, लेकिन हम जांच नहीं कर सकते. उनके पास अथॉरिटी है. बीपीएससी जैसी संवैधानिक संस्था को बच्चों के बीच साख भी बनानी है.
- खान सर ने कहा कि हम हमेशा कहते हैं कि स्टेट हो या सेंट्रल गवर्नमेंट, उन्हें यूनिवर्सिटी को देखना चाहिए. चार साल पढ़ने के बाद भी बच्चे किस स्थिति में बाहर आ रहे हैं? क्या वह स्वावलंबी हो पा रहे हैं या नहीं? फाइनेंसियल फ्री हो पा रहे हैं या नहीं? इसमें बड़े बदलाव की जरूरत है. केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लाई थी, लेकिन उसमें बदलाव क्या हुआ? उसको देखने में समय लगेगा कि धरातल पर उसमें क्या बदलाव हुआ है.
- खान सर ने कहा कि नॉर्मलाइजेशन का उपयोग तब किया जाता है, जब परीक्षाएं एक ही दिन में आयोजित नहीं की जा सकती हैं या जब छात्रों की संख्या अधिक होती है. साथ ही कहा कि यह छात्रों के लिए अनुचित होगा, खासतौर पर जनरल स्टडीज एग्जाम में. इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे परिणाम असंगत हो सकते हैं और यह विधि गणित जैसे विषयों के लिए अधिक उपयुक्त है, जहां पर अंकों को समान रूप से समायोजित किया जा सकता है.
- खान सर ने कहा कि नॉर्मलाइजेशन से बचने के लिए बीपीएससी द्वारा एक ही पाली में परीक्षा के आयोजन की वकालत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह विशेष फॉर्मूला केवल गणित पर लागू किया जा सकता है. लेकिन यह सामान्य अध्ययन पर लागू नहीं होगा. छात्रों के साथ यह भेदभाव नहीं होना चाहिए.
- खान सर ने विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई को लेकर भी अपनी बात रखी, जहां छात्रों ने दिसंबर की शुरुआत में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया से बचने के लिए परीक्षा 'एक पेपर और एक पाली' में आयोजित करने की मांग की थी.
- खान सर ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में इसलिए शामिल हुए क्योंकि पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था और वह वहीं रुक गए क्योंकि उन्हें लगा कि अगर वह चले गए तो छात्रों की मांगें पूरी नहीं होंगी.
- खान सर ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया. उन्होंने कहा कि हम पिछले महीने से ही बीमार चल रहे थे. बता दें कि बीते दिनों खान सर की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, इसके बाद उन्हें पटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डिहाइड्रेशन, थकान और तनाव के कारण उनकी सेहत पर असर पड़ा था.
- हाल के दिनों में खान सर बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का वे समर्थन कर रहे थे. खान सर ने बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन के मुद्दे पर किसी तरह का समझौता नहीं करने की बात कही थी और छात्रों के आंदोलन को खुलकर समर्थन देने का ऐलान किया था.
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