नीतीश कुमार क्यों छोड़ेंगे कुर्सी... किस बात पर गुस्साए जीतनराम मांझी, तेजस्वी और राहुल गांधी को घेरा

केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने बिहार की राजनीति और विपक्ष के हमलों पर कड़ा प्रहार किया है. मंगलवार को गयाजी के  एक कार्यक्रम में मांझी ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार पूरी तरह मजबूत है और विपक्ष की मांग बेबुनियाद है. रंजन सिन्हा की रिपोर्ट

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  • जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार पूरी तरह मजबूत और जनता समर्थित है
  • मांझी ने विपक्षी नेताओं तेजस्वी और राहुल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें हार स्वीकार कर आत्ममंथन करना चाहिए
  • उन्होंने राहुल गांधी की विदेश यात्राओं की आलोचना कर कहा कि देश के खिलाफ बात करना विपक्ष की जिम्मेदारी नहीं है
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केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने बिहार की राजनीति और विपक्ष के हमलों पर कड़ा प्रहार किया है. मंगलवार को गयाजी के  एक कार्यक्रम में मांझी ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार पूरी तरह मजबूत है और विपक्ष की मांग बेबुनियाद है.

जनता का प्रेम और बहुमत नीतीश कुमार के साथ

विपक्ष द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगे जाने के सवाल पर मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "जनता ने हमें सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत दिया है. चुनाव में हमने नीतीश कुमार के चेहरे पर वोट मांगा और जनता ने उम्मीद से कहीं ज्यादा समर्थन दिया. जब जनता का इतना प्रेम और विश्वास उनके साथ है, तो वे कुर्सी क्यों छोड़ेंगे?"


तेजस्वी और राहुल गांधी पर साधा निशाना

मांझी ने राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के व्यवहार पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि विपक्ष को हार स्वीकार करनी चाहिए और आत्ममंथन करना चाहिए. मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव को बिहार में रहकर जनता के मुद्दों पर विचार करना चाहिए, न कि राज्य छोड़कर बाहर जाना चाहिए.

उन्होंने राहुल गांधी की विदेश यात्राओं और वहां दिए गए बयानों की आलोचना करते हुए कहा, "जो बोलना है वह हिंदुस्तान में बोलना चाहिए. दूसरे देशों में जाकर देश के खिलाफ बात करना विपक्ष का धर्म नहीं है."

बीजेपी छोटे दलों को नहीं तोड़ती, बल्कि सम्मान देती है

राजद के उस आरोप पर कि भाजपा छोटे दलों को खत्म कर रही है, मांझी ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा, "मैं भी एक छोटे दल से हूं. मेरा एक सांसद जीता और मुझे केंद्र में इतनी बड़ी जिम्मेदारी (मंत्री पद) दी गई. एनडीए एक संवैधानिक गठबंधन है, जहां सबको साथ लेकर भारत को आगे बढ़ाने का काम 'डबल इंजन' की सरकार कर रही है."

पुस्तक मेला: समाज को ज्ञान का संबल देता है

राजनीतिक चर्चा के अलावा, जीतन राम मांझी ने ज्ञान के प्रसार पर जोर दिया. गया के गांधी मैदान में आयोजित पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, "यह मेला गया के लोगों के लिए उत्साह और ज्ञान का केंद्र है. उन्होंने प्रकाशकों से अपील की कि अच्छी किताबें उन लोगों तक भी पहुंचनी चाहिए जो शिक्षा के क्षेत्र में पीछे हैं. मांझी ने कहा कि अच्छी किताबें पढ़ने से समाज आगे बढ़ता है और लोगों को वैचारिक संबल मिलता है.

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अगले रविवार तक इस मेले में 24 प्रमुख प्रकाशकों के जुटने की उम्मीद है, जिसमें मांझी ने दोबारा आने और पाठकों से संवाद करने का वादा भी किया.

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