लालू परिवार में 'संजय कथा'.. रोहिणी आचार्य की सोशल मीडिया पोस्ट की इनसाइड स्टोरी

चुनाव परिणाम के साइड इफैक्ट अब देखने को मिलने लगे हैं. एक तरफ जहां बीजेपी में पूर्व केंद्रीय मंत्री आर के सिंह का इस्तीफा हुआ और बीजेपी ने कई नेताओं पर कार्रवाई की. वहीं आरजेडी में यह झगड़ा लालू परिवार में हो रहा है.

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  • आरजेडी में विधानसभा चुनाव हार के बाद लालू परिवार में राजनीतिक और पारिवारिक कलह गहराई है
  • तेजस्वी यादव की बड़ी बहन रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा की है
  • रोहिणी ने अपने पिता लालू यादव को किडनी दान की और सिंगापुर में उनका इलाज करवाया था
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चुनाव परिणाम के साइड इफैक्ट अब देखने को मिलने लगे हैं. एक तरफ जहां बीजेपी में पूर्व केंद्रीय मंत्री आर के सिंह का इस्तीफा हुआ और बीजेपी ने कई नेताओं पर कार्रवाई की. वहीं आरजेडी में यह झगड़ा लालू परिवार में हो रहा है. तेजस्वी यादव की बड़ी बहन रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं. संजय यादव और रमीज ने मुझे यही करने को कहा था और सारा दोष मैं अपने ऊपर लेती हूं.”

रोहिणी तेजस्वी से बड़ी हैं और सिंगापुर में रहती हैं, उन्होंने ही अपने पिता लालू यादव को अपनी एक किडनी दी और लालू यादव का सिंगापुर में इलाज करवाया. रोहिणी ने 2024 का लोकसभा चुनाव सारण से लड़ा और हार गई. मगर इस विधानसभा चुनाव में उनकी उतनी सक्रियता नहीं दिखाई दी. हां राहुल गांधी के वोट अधिकार यात्रा में वो जरूर कुछ जगहों पर दिखाई दी थीं. मगर इस बार विधानसभा चुनाव में वो राघोपुर में प्रचार करते हुए जरूर दिखाई दी. इस चुनाव के पहले से ही लालू परिवार में कलह सामने आने लगे थे. 

सबसे पहले लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप को घर और पार्टी से निकाला तो तेज प्रताप ने नई पार्टी बना लिया और कई जगह अपने उम्मीदवार भी उतारे. तेज प्रताप खुद अपना चुनाव हार गए. मगर हमेशा अपने और परिवार के बीच बढ़ती दूरी के लिए किसी जयचंद की लगातार चर्चा करते रहे. मगर वो जयचंद कौन है? इसका खुलासा कभी नहीं किया. मगर रोहिणी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में संजय यादव और रमीज का नाम लिया. मीडिया और राजनीतिक जगत में लोग संजय यादव को तो जानते हैं मगर रमीज कौन है यह नहीं जानते.

संजय यादव तेजस्वी के करीबी मित्र हैं और इस चुनाव के रणनीतिकार भी रहे, इस चुनाव में गठबंधन से लेकर सीटों के बंटवारे तक या कहें चुनाव से संबंधित सभी फैसले संजय ही करते रहे. यही कारण है कि आरजेडी में आपको उनके दोस्त कम दुश्मन ज्यादा मिलेंगे. लेकिन संजय को नापसंद करने वाले केवल पार्टी में ही नहीं, परिवार में भी थे.

पहले तेज प्रताप और अब रोहिणी का इस तरह सोशल मीडिया पर लिखना यह दिखाता है कि विधानसभा चुनाव की इस हार ने लालू यादव परिवार में भी गहरा जख्म दिया है. और इस सबके बीच लालू यादव क्या सोच रहे होंगे. यह किसी को मालूम नहीं. रोहिणी ने लालू यादव को अपनी किडनी देकर पूरे बिहार में जो उदाहरण पेश किया है वो अपने आप में तारीफ के क़ाबिल है.

पटना में शाम को जब लालू यादव घूमने निकलते हैं तो साथ में रोहिणी और उनके बच्चों को भी देखा जाता है. लालू यादव परिवार में संजय को लेकर जो महाभारत छिड़ा है उस पर तेजस्वी क्या कहते है या क्या करते है वो देखने वाली बात होगी.

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