बगहा में बाढ़ का कहर, मनोर नदी का बांध टूटा, 133 घर जलमग्न, एक मौत

स्थानीय लोगों का आरोप है कि बांध टूटने से तबाही हुई, लेकिन प्रशासन का कहना है कि यह नदी की धारा बदलने से हुआ है.

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सीमावर्ती नेपाल में मूसलाधार बारिश का असर अब पश्चिम चंपारण के तराई इलाकों में दिख रहा है. देर शाम बगहा-2 प्रखंड के नौरंगिया दरदरी गांव में मनोर नदी का बांध टूट गया. बांध टूटने के बाद नदी का पानी तेज वेग से गांव की ओर घुस आया और पूरे इलाके को जलमग्न कर दिया.

दर्जनों घर डूबे और सड़कों में दरार 

बाढ़ से दरदरी गांव पूरी तरह प्रभावित हुआ है. सीओ  रवि प्रकाश चौधरी के मुताबिक करीब 133 घरों में पानी भर गया जबकि 3–4 कच्चे-पक्के मकान गिर गए. गांव की कई सड़कों में दरारें पड़ गईं. किसानों की खड़ी फसलें चौपट हो गईं और एक-दो मवेशी भी बह गए.

प्रशासन का दावा– ‘धारा बदली, बांध टूटा नहीं' 

स्थानीय लोगों का आरोप है कि बांध टूटने से तबाही हुई, लेकिन प्रशासन का कहना है कि यह नदी की धारा बदलने से हुआ है. बगहा-2 सीओ रवि प्रकाश चौधरी मौके पर पहुंचे और राहत सामग्री का वितरण कराया. उन्होंने भरोसा दिया कि फिलहाल बांध की मरम्मत करवाई जा रही है और बरसात के बाद स्थायी पक्का बांध बनाया जाएगा.

एक युवक की डूबकर मौत 

इसी बीच लौकरिया थाना क्षेत्र के झकेरी नदी में स्नान करने गया 22 वर्षीय शैलेश कुमार (पिता–धर्मेंद्र राम, ग्राम–जरार) गहरे पानी में डूब गया. SDRF की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर शव बरामद किया. अब पोस्टमार्टम और मुआवजे की प्रक्रिया चल रही है.

बढ़ सकता है खतरा 

गंडक बराज से गुरुवार को 1.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए अलर्ट जारी किया है. जिला प्रशासन ने जल संसाधन विभाग को हाई-अलर्ट पर रखा है और ग्रामीणों से ऊंचे स्थानों पर रहने, गहरे पानी से दूर रहने की अपील की है.

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