- सीएम नीतीश कुमार के नाम से आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में एफआईआर दर्ज
- ऑनलाइन आवेदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर लगाकर आवेदन किया गया था
- जांच में पता चला कि यह साजिश मुख्यमंत्री की छवि को खराब करने के लिए किया गया था
मुजफ्फरपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गलत तरीके से आवासीय प्रमाणपत्र बनाने के प्रयास का एक मामला सामने आया है. अब मामले को लेकर सरैया के राजस्व कर्मी के द्वारा सरैया थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिसके बाद अब राजनीतिक षडयंत्र को लेकर पुलिस जांच कर रही है. सरैया अंचल के राजस्व अधिकारी अभिषेक सिंह ने इस साजिश के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
सीएम की छवि को धूमिल करने का आरोप
उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने के लिए इस तरह की साजिश रची गई थी. जो सत्यापन के क्रम में ही पकड़ा गया. अब ऑनलाइन आवेदन करने वाले साजिशकर्ता की पुलिस तलाश कर रही है. शिवहर जिले के सलेमपुर निवासी राजस्व अधिकारी अभिषेक सिंह ने एफआईआर में कहा है कि 29 जुलाई को ऑनलाइन आवासीय प्रमाणपत्र का निष्पादन कर रहा था. इस क्रम में पाया कि एक आवेदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमारी पिता लखन पासवान, माता लकिया देवी के नाम का है.
फॉर्म में लगाई सीएम नीतीश की तस्वीर
आवेदन में आवेदक की तस्वीर की जगह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर लगी हुई थी. आवेदन देखकर इसकी जांच शुरू की. जांच के क्रम में पाया गया कि अज्ञात व्यक्ति ने मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने और प्रशासनिक कार्यों को सवालों के घेरे में लाने के लिए इस तरह का आवेदन किया गया है. थाना अध्यक्ष सुभाष मुखिया ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर छानबीन की जा रही है. एसआई अनिल कुमार को जांच अधिकारी बनाया गया है.
पिछले दिनों कुत्ते का आवासीय प्रमाण पत्र जारी
हाल में ही एक कुत्ते की आवासीय प्रमाण पत्र बनाने का मामला वायरल हुआ था. हालांकि जब मामला वायरल हुआ तो पता चला कि ये फेक था. लेकिन तब तक आवासीय प्रमाणपत्र के नाम पर चल रहे खेल पर सवाल उठा था. इस वारदात के बाद से सूबे में आवासीय प्रमाणपत्र के ऑनलाइन आवेदन की गहन जांच की जा रही है. इसी क्रम में सरैया में मुख्यमंत्री की तस्वीर के साथ उनके गलत नाम पर आवासीय बनवाने की साजिश का पर्दाफाश हुआ है.