निर्वाचन आयोग ने मतदान के दौरान बुर्के वाली महिलाओं की पहचान के कदम का बचाव किया

निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि अक्टूबर 1994 में निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर आने वाली महिला मतदाताओं की पहचान के लिए एक सम्मानजनक तरीका अपनाने का आदेश दिया था. यह आदेश 21 अक्टूबर 1994 को जारी हुआ था.

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नई दिल्ली:

निर्वाचन आयोग ने बुर्का पहनकर मतदान केंद्रों पर आने वाली महिलाओं को लेकर अपने कदम का बचाव करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह 1994 में लिए गए निर्णय को लागू कर रहा है, जब टी एन शेषन निर्वाचन आयोग के प्रमुख थे.
कुछ विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग से बिहार के मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर आने वाली महिलाओं की पहचान सत्यापित करने के निर्देश को वापस लेने की मांग की है.

निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि अक्टूबर 1994 में निर्वाचन आयोग ने मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर आने वाली महिला मतदाताओं की पहचान के लिए एक सम्मानजनक तरीका अपनाने का आदेश दिया था. यह आदेश 21 अक्टूबर 1994 को जारी हुआ था. आदेश में कहा गया था, '...महिला मतदाताओं की गोपनीयता के प्रति संवेदनशीलता की रक्षा के लिए मतदान केंद्र में पर्दानशीं महिलाओं की पहचान के लिए अलग घेरा बनाया जाना चाहिए.'

वर्ष 1994 में, निर्वाचन आयोग ने रीति-रिवाजों और परंपराओं के कारण महिला मतदाताओं के कम मतदान पर चिंता व्यक्त करते हुए यह आदेश जारी किया था. निर्वाचन आयोग ने कहा है कि बिहार में मतदान केंद्रों पर बुर्का या घूंघट वाली महिला मतदाताओं की 'गरिमापूर्ण' पहचान के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है.

पिछले सप्ताह एक बयान में निर्वाचन आयोग ने कहा कि पर्दानशीं महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए महिला मतदान अधिकारियों या परिचारिकाओं की उपस्थिति में उनकी 'गरिमापूर्ण पहचान' के लिए उनके निर्देशों के अनुसार मतदान केंद्रों पर 'विशेष व्यवस्था' की जाएगी, तथा उनकी निजता सुनिश्चित की जाएगी.

बिहार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए छह अक्टूबर को संवाददाता सम्मेलन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बुर्का पहनकर आने वाली मतदाताओं की पहचान सत्यापित करने में मदद के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर मौजूद रहेंगी.

घूंघट और बुर्के वाली महिलाओं के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कुमार ने कहा था कि मतदान केंद्रों के अंदर पहचान के सत्यापन के बारे में निर्वाचन आयोग के स्पष्ट दिशानिर्देश हैं और उनका सख्ती से पालन किया जाएगा. आयोग ने हाल में कहा था कि 90,712 आंगनवाड़ी सेविकाओं को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा.

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने हाल में आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि बुर्का पहनकर मतदान केंद्रों पर आने वाली महिलाओं के चेहरों का मिलान मतदाता पहचान पत्रों से किया जाए. बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए चुनाव दो चरणों में छह और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी.

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