दर्जनों IAS और IPS का 'दोस्त' पटना से गिरफ्तार, हाईकोर्ट जज बनकर फोन करना पड़ा महंगा

आरोपी अभिषेक अग्रवाल ने खुद को हाईकोर्ट जज बताकर डीजीपी को फोन किया था, इओयू ने फर्जी जज को गिरफ्तार कर लिया

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नेताओं और बड़े नौकरशाहों से संबंध बनाने और धोखाधड़ी करने वाला अभिषेक अग्रवाल गिरफ्तार हो गया है.
पटना:

दर्जनों IAS और IPS का 'दोस्त' पटना से गिरफ्तार कर लिया गया. उसे हाईकोर्ट का जज बनकर डीजीपी को फोन करना महंगा पड़ गया. इओयू ने उस फर्जी जज को गिरफ्तार कर लिया. बिहार की राजधानी पटना से उस फर्जी जज को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार व्यक्ति पटना हाईकोर्ट का सीनियर जज बनकर बिहार के डीजीपी को फोन करता था. वह तत्कालीन एसएसपी को बचाने के लिए जज के नाम पर डीजीपी पर दबाव बना रहा था. शक होने पर आर्थिक अपराध इकाई को उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया. इसके बाद ईओयू ने कुछ घंटे में ही पूरे मामले से पर्दा उठा दिया. गिरफ्तार व्यक्ति का नाम अभिषेक अग्रवाल है. अभिषेक के साथ तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.

पूछताछ में अभिषेक ने कई राज उगले. अभिषेक ने बताया कि वह एक आईपीएस अफसर को बचाने के लिए जज बनकर डीजीपी को फोन करता था. 

सूत्रों से बताया कि गिरफ्तार अभिषेक के पास से नौ सिम कार्ड के साथ दर्जनों मोबाइल मिले हैं. मोबाइल की जब फॉरेंसिक जांच की गई तो आरोप प्रमाणित हो गए. सख्ती से पूछताछ में आरोपी अभिषेक अग्रवाल ने कबूल किया कि उसने एक एसएसपी को बचाने के लिए डीजीपी को फोन किया था. जांच में यह बात सामने आई है कि वह पहले भी जेल जा चुका है.

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अभिषेक अलग-अलग लोगों को अलग-अलग आदमी बनकर फोन करके काम निकलवाता था. अभिषेक कई बार गृह मंत्री का पीएस बनकर भी अफसरों को फोन करता था. अभिषेक की पहुंच बड़े-बड़े नेताओं के साथ-साथ कई अधिकारियों तक भी है. 2018 में भी पुलिस ने अभिषेक को  गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा था. इसके पहले 2014 में उसने बिहार के एक पुलिस अधीक्षक को भी ब्लैकमेल किया था. उस समय पुलिस अधीक्षक के पिता से मोटी रकम की भी वसूली की थी. इसके अलावे एक अन्य आईपीएस अफसर से भी दो लाख की ठगी में इसका नाम आया था. अभिषेक अग्रवाल पर बिहार में जालसाजी के कई मामले दर्ज है. भागलपुर में भी अभिषेक पर मामला दर्ज है.

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आपको बता दें कि अभिषेक बड़े-बड़े अधिकारियों नेताओं के साथ फोटो खिंचाकर सोशल मीडिया पोस्ट करता था ताकि लोगों के बीच उसका रुतबा बना रहे. इस बार इसने फ्रॉड करने के लिए हाईकोर्ट के एक सीनियर जज के साथ तस्वीर खिंचाकर व्हाट्सऐप डीपी में लगाई थी. ताकि यह लगे कि वह भी कोई जज है. साथ ही फेसबुक पर बड़े नेता और अफसरों के साथ वह तस्वीरें लगाता था. जिस आईपीएस अफसर को बचाने के लिए वह डीजीपी को फोन किया करता था उसे क्लीनचिट भी मिल गई है. उस आईपीएस अफसर के खिलाफ शराब के एक मामले में थाने में केस दर्ज हुआ था. 

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आर्थिक अपराध इकाई ने आरोपी अभिषेक को धोखाधड़ी, फर्जी नाम से फोन करने व साइबर केस में जेल भेजा है. साथ ही पूछताछ में जो बातें निकलकर सामने आई है उस आधार पर उस आईपीएस अफसर के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है.

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