मोकामा से जंगलराज की तुलना नहीं... अनंत सिंह को लेकर विपक्ष के सवालों पर NDTV से धर्मेंद्र प्रधान

बिहार बीजेपी के चुनाव प्रभारी ने कहा कि विश्लेषकों ने पिछली बार भी और इस बार भी साफ कहा था कि अगर महिलाएं वोट करने आएंगी तो एनडीए को फायदा होगा. इस बार हर विधानसभा में महिलाओं की वोटिंग बढ़ी है.

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  • धर्मेंद्र प्रधान ने मोकामा में शांतिपूर्ण मतदान को लेकर कहा कि बढ़ा-चढ़ाकर बोलने से सच छिप नहीं सकता.
  • उन्होंने 1990 से 2005 के बिहार को अत्याचार, भ्रष्टाचार और परिवारवाद के कारण जंगलराज की संज्ञा दी है.
  • प्रधान ने बताया कि इस बार बिहार के चुनाव में हिंसा या बूथ कैप्चरिंग जैसी कोई घटना सामने नहीं आई है.
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केंद्रीय मंत्री और बिहार बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से एनडीटीवी ने एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि मोकामा पर कहा कि कल मोकामा ने शांति से वोट किया है. बढ़ा-चढ़ाकर बोलने से सत्य छुपेगा नहीं. बिहार के जंगलराज कि किसी से तुलना नहीं की जा सकती. अगर आप बिहार के समाज में जाओगे और वो भी उस समय के लोगों के पास तो लोग अपना अनुभव बताते हैं. शायद आजाद भारत में शासन की ओर से अत्याचार किसी भी इलाके में नहीं हुए थे.

आपातकाल से भी आगे जंगलराज

धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि आपातकाल में भी नागरिकों के कई अधिकार छीने गए थे, अत्याचार भी हुए थे, लेकिन 1990 से 2005 का बिहार का जो पीरियड रहा, कहीं एसिड से किसी को नहलाना, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद, नारी के ऊपर अत्याचार, गरीबों के ऊपर अत्याचार को कौन भूल सकता है. पहले चुनाव में न्यूज आती थी कि कितनों की मौत हुई? कितने बूथ लूटे गए? कितनी आगजनी हुई? आज 121 सीटों का चुनाव हो गया,  इस प्रकार की कोई घटना नहीं है और प्रजातंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है. कोई भी करे वो कानून से ऊपर नहीं है. आज कहीं बूथ कैप्चरिंग या हिंसा की खबर नहीं आई है.

लखीसराय में विजय कुमार सिन्हा के विवाद पर बोले कि चुनाव में ऐसी छोटी-मोटी घटनाएं होती हैं. चुनाव में नोक-झोंक होती ही है. बुलडोजर वाले विजय सिन्हा के बयान पर बोले कि गुस्से में बोलना अलग बात है, मगर हम जनता के साथ हम हाथ जोड़ते हैं. 

चुनाव में जीत के किए दावे

बिहार बीजेपी के चुनाव प्रभारी ने कहा कि विश्लेषकों ने पिछली बार भी और इस बार भी साफ कहा था कि अगर महिलाएं वोट करने आएंगी तो एनडीए को फायदा होगा. इस बार हर विधानसभा में महिलाओं की वोटिंग बढ़ी है. पुरुष और महिलाओं की तुलना करें तो 8 से 9 फीसदी मतदान का अंतर है. बिहार की जनता ने पिछले 20 सालों में एनडीए को परखा है. बार-बार चुना है और इस बार तो उसका सारा रिकॉर्ड टूटने वाला है. विश्लेषकों के इस दावे पर कि जब ज्यादा प्रतिशत में मतदान होता है तो सरकार बदलती है पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैं आपको कई ऐसे उदाहरण दे सकता हूं, जहां प्रो इनकंबेंसी वोट भी आते हैं. जिन्होंने कभी काम नहीं किया, लोगों को ठगा, लोगों के साथ छल किया, उनके मन में रहता है कि हम बार-बार चुनकर आएंगे कि नहीं. गुजरात में हम निरंतर जीत रहे हैं.  मध्य प्रदेश में हम निरंतर जीत रहे हैं. महाराष्ट्र में हमने फिर जीता. लगभग तीन टर्म से हम वहां सरकार बना रहे हैं. बिहार में ही हम पिछले 20 साल से हम शासन कर रहे हैं.