जीतन राम मांझी के 'कैबिनेट छोड़ने' वाले VIDEO की क्या है सच्चाई? जानिए

Jitan Ram Manjhi : मुंगेर में जीतन राम मांझी ने कहा था कि हमें एनडीए में तवज्जो नहीं दी जा रही है. पहले झारखंड में अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी हमारी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई है. ऐसा लगता है कि अब हमें अपना वजूद दिखाना पड़ेगा.

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पटना:

एनडीए के सहयोगी और हम पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में वह NDA से नाराजगी जाहिर करते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि दिल्ली चुनाव में सीट नहीं मिलने की वजह से वह नाराज हैं. इसी वीडियो में वह करते हैं, 'बात हमारी आगे बढ़ती है, लगता है कैबिनेट हमको छोड़ना पड़ेगा.' कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसका जिक्र भी किया गया. हालांकि, बाद में मांझी ने ट्वीट करते हुए सफाई दी कि उन्होंने 'कैबिनेट छोड़ने' की बात दूसरे संदर्भ में कही थी. 

वीडियो में क्या कहा?
जो वीडियो सामने आया है, वह मुंगेर में एक सभा का है, जिसमें मांझी कह रहे हैं, 'अभी झारखंड में हमें नहीं मिला, ठीक है वो नहीं मांगे थे नहीं मिला. दिल्ली में भी नहीं मिला. कहते हैं कि हमने नहीं मांगा था तो नहीं मिला. ये न्याय है क्या? हमारा कोई अस्तित्व नहीं है? अगर नहीं है, तभी तो हमें नहीं दिया गया. इसलिए आज जमालपुर की ये मीटिंग अहम है. देखें एनडीए के लोग. कल हम धनगाई में थे, वहां भी इतनी भीड़ थी. परसों जहानाबाद में थे, उससे दोगुनी भीड़ थी. जब भीड़ हमारे साथ आ रही है. जनमानस हमारा है. वोटर हमें वोट देने को तैयार है. तो सीट हमें क्यों ना मिले, हमें ये कहना है. हम नहीं मांगेंगे. हम कहना चाहते हैं, हम फरियाना नहीं चाहते कि हमें इतनी सीट दे दो. लेकिन मैं कहता हूं, जो मेरा वजूद है, उसके आधार पर मुझे सीट दो. हमें कोई फायदा नहीं है. हम आपके फायदे के लिए मांग रहे हैं.  बात हमारी आगे बढ़ती है, लगता है कैबिनेट हमको छोड़ना पड़ेगा."

फिर पटना एयरपोर्ट पर सफाई दी
पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए मांझी ने अपनी बात को स्पष्ट किया और कहा कि उनकी एनडीए से कोई नाराजगी नहीं है. जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे जो इतना बड़ा पद पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया है, वह कोई मामूली बात नहीं है. दिल्ली चुनाव में मैं पूरी तरह से एनडीए के पक्ष में हूं. 

अब X पर क्या बोले मांझी
इसके बाद जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि उन्होंने 'कैबिनेट छोड़ने' वाली बात दूसरे संदर्भ में कही थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'कुछ वेब पोर्टल और समाचार चैनलों के द्वारा भ्रमक खबर प्रचारित/प्रसारित किया गई है कि “जीतन राम मांझी कैबिनेट से इस्तीफ़ा देंगे.” जबकि मैंने मुंगेर की सभा में हो रही देरी को लेकर कहा था कि “आप लोग लेट कर रहें हैं जिसके कारण मेरी फ्लाइट छूट जाएगी और मुझे कैबिनेट छोड़ना पड़ेगा.”  मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं मरते दम तक माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का साथ नहीं छोडूंगा.'

साथ ही उन्होंने लिखा, 'हम सब अभी देश और बिहार के हित का कार्य कर रहे हैं तो कुछ मीडिया घराने विपक्ष के इशारे पर हमें बांटने की कोशिश कर रहे हैं. मैं चेतावनी देना चाहता हूं कि वह सचेत हो जाएं, अन्यथा मैं उनके खिलाफ न्यायालय की शरण लूंगा और प्रेस काउंसिल में उनकी शिकायत दर्ज कराउंगा.'

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जीतन राम मांझी का कहना है कि जब पार्टी का जनता के बीच इतना प्रभाव है और उनकी आवाज सुनने वालों की संख्या बहुत है, तो उन्हें चुनावों में प्रतिनिधित्व क्यों नहीं मिला? वे यह भी महसूस कर रहे हैं कि उनके योगदान और पार्टी के वजूद को उचित मान्यता नहीं दी गई है, जो उनकी नाराजगी का मुख्य कारण बन गया है.

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'मुझे केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा देना पड़ेगा'
हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि अभी झारखंड में हमें सीट नहीं मिली, दिल्ली में भी सीट नहीं मिली. क्या यह न्याय है? क्या मेरा कोई अस्तित्व नहीं है? जब भीड़ हमारे साथ है, जनता हमारे साथ है, तो फिर मुझे सीट क्यों नहीं मिली? जो मेरा वजूद है, उसी के आधार पर मुझे सीट मिलनी चाहिए. यह सीट हम आपके फायदे के लिए नहीं, बल्कि अपने हक के लिए मांग रहे हैं." 

उन्होंने मंच से कहा कि जब लोग हमारे साथ हैं, मेरे पास वोट है तो हमें सीट क्यों नहीं मिली. ये प्रश्न करना है मुझे. हमारा स्टैंड साफ है, जो हमारा अस्तित्व है, उसके मुताबिक हमें सीट दो. हम अपने नहीं, दलितों के फायदे के लिए सीट मांग रहे हैं.

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हमें एनडीए में तवज्जो नहीं दी जा रही :  मांझी
दरअसल, मुंगेर में जीतन राम मांझी ने कहा था कि हमें एनडीए में तवज्जो नहीं दी जा रही है. पहले झारखंड में अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी हमारी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई है. ऐसा लगता है कि अब हमें अपना वजूद दिखाना पड़ेगा.

इसके साथ ही, मांझी ने बीपीएससी परीक्षा को लेकर चिराग पासवान और प्रशांत किशोर के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान का राजनीतिक दृष्टिकोण मैं नहीं जानता, लेकिन बीपीएससी अभ्यर्थियों के मामले में बिहार सरकार ने बहुत उदार तरीके से छात्रों के साथ व्यवहार किया है. 912 केंद्रों में से 911 पर परीक्षा सही तरीके से हुई. एक केंद्र पर गड़बड़ी होने पर दोबारा परीक्षा का आयोजन किया गया. अगर कुछ छात्र अनशन कर रहे हैं तो वह राजनीति कर रहे हैं. बिहार सरकार और आयोग का निर्णय बिल्कुल सही है.

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NDA के सहयोगी के तौर पर जीतन राम मांझी गया लोकसभा सीट से चुनाव जीत संसद पहुंचे हैं. मांझी 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे हैं. मांझी दलित समुदाय से आते हैं. वे पहली बार वर्ष 1980 में विधायक चुने गए थे. मांझी बिहार के अलग अलग सरकारों में मंत्री भी रहे हैं.

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