महागठबंधन में सीट बंटवारे पर असमंजस बरकरार, कांग्रेस ने इन उम्मीदवारों को बांटे सिंबल

कांग्रेस की रणनीति के तहत पहले चरण के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि वे समय रहते नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर सकें.

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  • बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए कांग्रेस ने कुछ उम्मीदवारों को समय पर नामांकन हेतु सिंबल जारी किए
  • सीटों के बंटवारे को लेकर राजद और कांग्रेस समेत अन्य सहयोगी दलों के बीच अभी भी बातचीत का दौर चल रहा है
  • बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राघोपुर विधानसभा से नामांकन दाखिल कर दिया है
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नई दिल्ली:

महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान का दौर अभी तक खत्म नहीं हुआ है. राजद, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है. लेकिन इसके बावजूद पार्टियों की तरफ से उम्मीदवारों को सिंबल देने का सिलसिला जारी है.  बिहार विधानसभा उपचुनाव के पहले चरण के लिए कांग्रेस ने कुछ उम्मीदवारों को सिंबल जारी कर दिए हैं. हालांकि, पार्टी की आधिकारिक सूची अभी जारी नहीं हुई है.  पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पहले चरण के नामांकन की अंतिम तारीख को देखते हुए कुछ उम्मीदवारों को सिंबल दिए जा रहे हैं ताकि वे समय पर पर्चा दाखिल कर सकें. अब तक जिन उम्मीदवारों को सिंबल दिए गए हैं, उनकी सूची इस प्रकार है:

  • सुल्तानगंज– ललन कुमार
  • बांकीपु – रोहित सिन्हा
  • चनपटिया– अभिषेक रंजन
  • बरबीघा – त्रिशूल धारी सिंह
  • नालंदा – कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया
  • राजापाकड़ – प्रतिमा दास

बछवाड़ा की सीट पर फ्रेंडली फाइट हो सकती है, इस सीट पर महागठबंधन के दो दलों ने अपने उम्मीदवार को सिंबल दे दिया है. कांग्रेस ने यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिवप्रकाश गरीबदास को सिंबल दिया है. वहीं CPI ने इस सीट पर अवधेश राय को सिंबल दे दिया है. पिछली बार CPI के अवधेश राय  महागठबंधन के उम्मीदवार थे और शिवप्रकाश गरीबदास निर्दलीय चुनाव लड़े थ. भाजपा के उम्मीदवार सुरेन्द्र मेहता 484 वोट से चुनाव जीत गए थे. सूत्रों का कहना है कि इसके अलावा भी कई अन्य उम्मीदवारों को सिंबल दिए गए हैं, लेकिन उनकी जानकारी औपचारिक रूप से साझा नहीं की गई है. पार्टी की ओर से पूरी सूची जारी होने में अभी कुछ और समय लग सकता है. कांग्रेस की रणनीति के तहत पहले चरण के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि वे समय रहते नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर सकें.

क्यों नहीं बन रही है सहमति? 

बताते चलें कि महागठबंधन के सीटों का आंकडों पर लगभग बात बन गई है. यह तय हुआ है कि आरजेडी 135 सीट पर लड़ेगी, कांग्रेस 61 सीट,मुकेश सहनी की वीआईपी 16 सीट,वामपंथी दल जिसमें माले,सीपीआई और सीपीएम है को 31 सीटें दी गई है. यहां सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि अभी भी कुछ सीटों पर कौन लड़ेगा इस पर सहमति नहीं बन पा रही है. जैसे आरजेडी की कब्जे वाली कुछ सीट पर कांग्रेस दावा कर रही है तो कांग्रेस के कब्जे वाली कुछ सीटों पर आरजेडी और वही हाल माले और अन्य वामदलों का भी है. दिल्ली में जो बैठक तेजस्वी यादव की हुई उसमें खरगे और राहुल शामिल नहीं हुए, फोन पर शायद जरूर राहुल की बात तेजस्वी से हुई हो. हां तेजस्वी की मुलाकात कांग्रेस नेता वेणुगोपाल से जरूर हुई है.

उपमुख्यमंत्री के पद पर भी नहीं बन रही है बात

महागठबंधन में निर्णय ये लिया गया है कि उपमुख्यमंत्री का नाम चुनाव के बाद तय होगा.मुकेश सहनी के उपमुख्यमंत्री के दावे पर यह तर्क दिया गया कि यदि मल्लाह जाति से उपमुख्यमंत्री की घोषणा अभी कर दिया गया तो बाकी अति पिछड़ी जातियां नाराज हो जाएगीं.इस लिए उपमुख्यमंत्री के मसले को छोड़ दिया गया.इस मसले पर सबसे अधिक कांग्रेस को एतराज था कि गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी वो हैं तो कायदे से उपमुख्यमंत्री का पद उनको जाना चाहिए.यह भी तय हुआ कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन का चेहरा होंगे और उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा और एक दो दिनों में इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी.

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