एक ओर बिहार सरकार कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के मद्देनज़र नई गाइडलाइंस जारी कर रही है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अगले बुधवार से एक और यात्रा "समाज सुधार यात्रा" की शुरुआत करेंगे. मुख्यमंत्री इस यात्रा की शुरुआत चंपारन की धरती मोतिहारी से 22 दिसंबर को करेंगे. ये 'समाज सुधार यात्रा' नीतीश कुमार की अब तक की सबसे छोटी अवधि की यात्राओं में से एक होगी क्योंकि 15 जनवरी को यात्रा का समापन हो जायेगा.
अब तक की जानकारी के अनुसार, हर दिन मुख्यमंत्री एक ज़िले के मुख्यालय में जाएंगे, जहां बगल के दो से तीन ज़िलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ना होगा. नीतीश कुमार ने पिछले विधानसभा सत्र में इस यात्रा का ज़िक्र शराबबंदी के परिपेक्षय में किया था कि वो ज़िलों में जाकर स्थिति का जायज़ा लेंगे. इसलिए माना जा रहा हैं कि जन सभाओं में महिलाओं की उपस्थिति को प्राथमिकता दी जायेगी.
इस यात्रा के दौरान नीतीश कुमार विकास की योजनाओं या सात निश्चय के कार्यक्रम की भी समीक्षा करेंगे, लेकिन शराबबंदी की सफलता को सुनिश्चित करना मुख्य उद्देश्य होगा. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ये भी दिखाना चाहते हैं कि उनकी इस पाबंदी को अब भी महिलाओं का व्यापक समर्थन है. समीक्षा बैठक में स्थानीय विधायकों और सांसद की उपस्थिति से अन्य योजनाओं पर भी चर्चा होगी. अब तक नीतीश कुमार 16 वर्षों के अपने शासन काल में 12 यात्रा कर चुके हैं, लेकिन कोरोना के दौर में ये पहली ऐसी यात्रा होगी.
READ ALSO: "कलेक्टर-SP सब पीते हैं शराब": बिहार में शराबबंदी को लेकर बोले जीतन राम मांझी
हालांकि, विपक्ष का कहना है कि नीतीश कितनी भी यात्रा कर लें, लेकिन शराबबंदी विफल है और रहेगी क्योंकि उनके अपने मातहत अधिकारी और पुलिसकर्मी इस समानांतर आर्थिक साम्राज्य के सबसे बड़े हिस्सेदार हैं और लाभ उठा रहे हैं.
वीडियो: बिहार विधानसभा परिसर में शराब की बोतलें मिलने पर राजनीति गरमाई