- चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव में NDA में सीटों के बंटवारे पर बातचीत अभी शुरू न होने की बात कही
- चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी को सम्मानजनक संख्या और गुणवत्ता वाली सीटों की उम्मीद है
- चाचा पशुपति कुमार पारस से रिश्तों पर चिराग ने कहा कि उन्होंने मुझसे अलग होने का फैसला खुद लिया था.
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एनडीटीवी से साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव सहित तमाम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने साफ कहा कि NDA में सीट बंटवारे की बातचीत अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन उनकी पार्टी को 'सम्मानजनक संख्या' और 'क्वालिटी सीटें' चाहिए.
NDA में सीट बंटवारे पर क्या है स्थिति?
चिराग ने कहा कि सीटों की संख्या को सार्वजनिक मंच पर बताना गठबंधन धर्म के खिलाफ होगा. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके मन में सीटों की संख्या तय है. उन्होंने कहा कि मेरे पास जातीय आधार से आगे बढ़कर पूरे बिहार में प्रभाव है. मैं किसी भी विधानसभा सीट पर असर डाल सकता हूं.
सब्ज़ी में नमक की तरह है हमारी पार्टी: चिराग पासवान
चिराग ने कहा कि प्रधानमंत्री मेरे साथ है, यही मेरे लिए सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने माना कि लोकसभा चुनाव में जीत का श्रेय पीएम मोदी के करिश्मे को जाता है, लेकिन यह भी जोड़ा कि हर सहयोगी दल की भूमिका अहम रही. उन्होंने खुद को 'सब्ज़ी में नमक' की तरह बताया और कहा कि वह हर विधानसभा सीट पर वोट को प्रभावित कर सकते हैं.
चाचा ने अलग होने का खुद लिया था फैसला
अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से रिश्तों पर चिराग ने कहा कि उन्होंने मुझसे अलग होने का फैसला खुद लिया था. मैं इसे पारिवारिक लड़ाई नहीं बनाना चाहता. यह उनकी राजनीति है. चिराग पासवान ने जितन राम मांझी पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होने कहा कि वो मेरे लिए सम्मानित नेता हैं, उनका कद मुझसे बड़ा है. लेकिन उन्हें मुझसे क्या शिकायत है, यह मैं समझ नहीं पा रहा हूं.
कानून व्यवस्था पर चिराग ने उठाए सवाल
चिराग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार की कानून-व्यवस्था को लेकर कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा, “यह मेरा तरीका है अपनी ही सरकार को फीडबैक देने का. मैं बिहार सरकार का हिस्सा नहीं हूं, मैं सिर्फ उसे समर्थन दे रहा हूं. NDA में मैं केंद्र का हिस्सा हूं.
बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट विजन : चिराग पासवान
चिराग ने कहा कि उनका फोकस शिक्षा, रोजगार और उद्योग पर है. उन्होंने महिलाओं और युवाओं के लिए MY (Mahila-Youth) कॉम्बिनेशन की बात कही और जातीय जनगणना का समर्थन करते हुए कहा कि दलितों और पिछड़ों को उनका हक मिलना चाहिए. उन्होंने यह भी साफ किया कि अगर कभी उन्हें लगे कि NDA में उनकी उपेक्षा हो रही है, तो उनके पास गठबंधन से बाहर जाने का विकल्प हमेशा मौजूद है.
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