- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चिराग पासवान और बीजेपी के बीच विवाद जारी है.
- चिराग पासवान ने मंत्री रहते हुए बातचीत जारी रखने की बात कही, जिससे उनकी असहमति का संकेत मिला है.
- एलजेपी (आर) प्रमुख चिराग ने सम्मानजनक सीटें न मिलने पर बड़ा राजनीतिक फैसला लेने की संभावना जताई है.
बिहार में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में खटपट रुकी नहीं है. ऐसा लग रहा है कि चिराग पासवान बीजेपी के सीटों के प्रस्ताव पर तैयार नहीं है. एलजेपी (आर) के मुखिया ने आज एक ऐसा बयान दिया है जिससे बिहार में एनडीए की मुसीबत बढ़ सकती है. दरअसल, चिराग से जब आज दिल्ली में पूछ गया कि सीट शेयरिंग पर क्या चल रहा है तो उन्होंने एक लाइन कही कि बातचीत चल रही है. लेकिन उसके अगली ही लाइन में ये भी कहा कि जबतक वह मंत्री हैं तबतक उन्हें मंत्रालय का काम भी करना होता है.
चिराग के जबतक वाले शब्द का क्या इशारा?
चिराग पासवान ने जबतक मंत्री हूं शब्द का इस्तेमाल किया है. इसी शब्द को लेकर सियासी पंडित चौंक रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि चिराग बीजेपी के सीटों के प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं. वैसे भी कुछ दिन पहले चिराग की पार्टी ने सभी दलों के लिए दरवाजे खुले रखने का संकेत दिया था. अब आज उनके इस बयान के बाद लग रहा है कि चिराग काफी नाराज चल रहे हैं और अगर उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटों का प्रस्ताव नहीं मिलता है तो वो कुछ बड़ा फैसला भी कर सकते हैं.
धर्मेंद्र प्रधान देंगे नया ऑफर
उधर, चिराग को मनाने के लिए बीजेपी भी एक्टिव हो गई है. बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और मंत्री मंगल पांडेय के साथ चिराग से मुलाकात करने वाले हैं. माना जा रहा है कि इस बैठक में चिराग को नया प्रस्ताव दिया जा सकता है. हालांकि, उससे पहले ही चिराग ने तेवर दिखा दिए हैं. बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं. राज्य में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को चुनाव होने हैं. अभी तक महागठबंधन और एनडीए में सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है.
अपने पिता रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर चिराग पासवान एक एक्स पर पोस्ट करके कहा था कि जुर्म मत करो, जुर्म मत सहो, जीना है तो मरना सीखो, कदम-कदम पर लड़ना सीखो. उनके इस बयान को भी सीट बंटवारे से ही जोड़कर देखा गया था.