- बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दल वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर वोटर अधिकार यात्रा चला रहे हैं.
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फ्री बिजली, पेंशन राशि बढ़ाने और फॉर्म फीस 100 रुपए तय करने की घोषणाएं की हैं.
- तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में भारी भीड़ जुटने से सत्ता पक्ष में चिंता बढ़ी है.
बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो चली है. विपक्षी दल वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे है. दूसरी ओर सीएम नीतीश कुमार और एनडीए का पूरा अमला अपने काम की रफ्तार को तेज करते हुए लोगों की मांगों को पूरा करने की जुगत में लगे है. बीते कुछ दिनों में सीएम नीतीश कुमार ने कई ऐसी घोषणाएं की, जिसका चुनाव पर असर पड़ सकता है. इसमें फ्री बिजली, पेंशन राशि बढ़ाना, फॉर्म फीस 100 रुपए तय करना सहित कई अन्य शामिल है. लेकिन इसके बाद ही तेजस्वी-राहुल की वोटर अधिकार यात्रा में जिस तरह की भीड़ जुट रही है, वो सत्ता में काबिज नेताओं की चिंता बढ़ाने वाली है.
मंगलवार को अचानक दिल्ली रवाना हुए सीएम नीतीश कुमार
इन सभी सियासी घटनाक्रमों के बीच मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक दिल्ली रवाना हुए. उनका यह कार्यक्रम अचानक तय हुआ है. जिससे राज्य में नई सियासी चर्चा छिड़ गई है. नीतीश के अचानक तय हुए दिल्ली दौरे की वजह क्या है, लोग इसे समझना चाह रहे हैं. लोग इसे आगामी दिनों में होने वाले चुनाव से भी जोड़ रहे हैं.
उपराष्ट्रपति चुनाव और बिहार चुनाव पर भाजपा से करेंगे चर्चा
हालांकि एनडीटीवी को विश्वस्त सूत्रों से जो जानकारी मिली वह कुछ और ही है. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार दिल्ली में उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार से मुलाकात करेंगे. साथ ही उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं से भी उनकी बातचीत होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि इस दौरान बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी भाजपा नेताओं के साथ अहम चर्चा हो सकती है.
मुख्यमंत्री का यह दौरा राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इससे आने वाले समय की सियासी तस्वीर पर असर पड़ सकता है. अब देखना होगा कि दिल्ली से लौटने के बाद सीएम नीतीश का अगला कदम क्या होगा.