- महागठबंधन के दलों के बीच टिकट बंटवारे को लेकर मतभेद हैं, लेकिन नामांकन वापसी तक समाधान संभव है.
- CPIML नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर कोई भ्रम नहीं है.
- बिहार में अव्यवस्था को सामान्य बताया और कहा कि महागठबंधन जल्द ही सीटों का ऐलान करेगा.
महागठबंधन के दलों के बीच टिकटों को लेकर चल रहे मतभेद की खबरों के बीच CPIML नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने एनडीटीवी से खास बातचीत की. उन्होंने ये माना कि गठबंधन के दलों के बीच फ्रेंडली फाइट नहीं होनी चाहिए. हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई की नामांकन वापसी तक सभी को इंतजार करना चाहिए. उन्होंने तो यहां तक दावा किया कि महागठबंधन में सीएम कैंडिडेट को लेकर कोई भ्रम नहीं है. उनका कहना है कि भ्रम एनडीए में हो गया है.
तेजस्वी यादव क्यों नहीं बने सीएम कैंडिडेट
CPIML नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने हमने यह तय किया था कि गठबंधन के किसी दल की सीट नहीं बढ़ेगी, केवल माले की एक बढ़ी है. टिकट बंटवारे पर जल्द सब कुछ साफ हो जाएगा. तेजस्वी यादव को सीएम कैंडिडेट अब तक घोषित नहीं किए जाने के सवाल पर दीपांकर ने कहा कि मुझे लगता नहीं है कि कांग्रेस के अंदर हिचक है. महागठबंधन में कोई भ्रम नहीं है. भ्रम तो अमित शाह के बयान के बाद एनडीए में हो गया है.
"बिहार में अव्यवस्था नार्मल"
दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार में एसआईआर अब भी मुद्दा है. यदि आधार को स्वीकार नहीं किया जाता तो 2 करोड़ वोट कट जाते. महागठबंधन के दलों में आपसी टकराव की खबरों पर पूछने पर दीपांकर ने कहा कि बिहार में अव्यवस्था (Chaos) नार्मल है. बिहार का अपना नॉर्मल होता है. महागठबंधन में सीटों की घोषणा भी जल्दी हो जाएगी.
महागठबंधन वोटरों में बहुत एकता
CPIML नेता ने कहा कि हमें अपना स्ट्राइक रेट इंप्रूव करना है. VIP पार्टी को लेकर लोग आईडिया लगा लेते हैं कि वो क्या करेंगे. उनको तोड़ने की भी कोशिश की गई. नामांकन वापसी के समय तक सब साफ हो जाना चाहिए, ऐसी उम्मीद है. फ्रेंडली फाइट आपस में नहीं करना है और ये होनी भी नहीं चाहिए. माले ने तो मान लिया है, मगर सीपीआई नहीं मान रही है. महागठबंधन के वोटरों में बहुत एकता है. बिहार के लोग बदलाव के लिए तैयार हैं.