सीबीआई ने बिहार के नौ शहरों में प्रैक्टिस कर रहे अपात्र विदेशी मेडिकल ग्रेजुएटों की तलाशी ली

यह ऐसे चिकित्सा स्नातक हैं जिन्हें अनिवार्य परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना ही प्रैक्टिस करने की अनुमति दे दी गई

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प्रतीकात्मक फोटो.
पटना:

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कई राज्य चिकित्सा परिषदों और अपात्र विदेशी मेडिकल स्नातकों के खिलाफ देशव्यापी जांच के तहत गुरुवार को बिहार के नौ शहरों में तलाशी ली. ये ऐसे चिकित्सा स्नातक हैं जिन्हें अनिवार्य परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना ही प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने 21 दिसंबर को 14 राज्य चिकित्सा परिषदों और 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी जिन्हें अनिवार्य ‘विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा' (FMGE) उत्तीर्ण किये बिना भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई थी.

सीबीआई के अधिकारियों ने कहा, ‘‘इस सिलसिले में बिहार के नौ शहरों में कई स्थानों पर तलाशी ली गई. उनमें पटना, मुंगेर, दरभंगा, भागलपुर, बेगूसराय, हाजीपुर, वैशाली, नालंदा और चंपारण शामिल हैं.''

मौजूदा मानदंडों के अनुसार एक विदेशी मेडिकल स्नातक को भारत में प्रैक्टिस करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग या राज्य चिकित्सा परिषद से अनंतिम या स्थायी पंजीकरण प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) द्वारा आयोजित एफएमजीई/स्क्रीनिंग टेस्ट उत्तीर्ण करना होता है. एनबीई अपने परिणाम उम्मीदवारों के साथ-साथ परिषदों को भी भेजता है.

सूत्रों ने कहा कि जब इन उम्मीदवारों द्वारा फर्जी पात्रता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए थे तो चिकित्सा परिषद उसे सीधे एनबीई द्वारा भेजे गए परिणामों से सत्यापित कर सकते थे.

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने राज्य चिकित्सा परिषदों के अज्ञात अधिकारियों, तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद और 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.

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