'ईश्वर की कृपा से मैं जीवित हूं', रांची में हिंसक भीड़ से बचे बिहार के मंत्री नितिन नवीन ने कहा

नवीन ने कहा, “कल्पना कीजिए कि आप आग्नेयास्त्रों, लोहे की छड़ों, ईंटों और हथियारों से लैस हजारों लोगों से घिरे हुए हैं. मैं भीड़ की आक्रामकता को कभी नहीं भूलूंगा और किसी तरह हम अपनी जान बचा सके.”

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
रांची में प्रदर्शन के दौरान हिंसा (फाइल फोटो)
रांची:

रांची में शुक्रवार को पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर विवादित टिप्पणी के विरोध में हिंसक प्रदर्शनकारियों की भीड़ में बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Road Construction Minister Nitin Nabin) भी फंस गए थे. उन्होंने कहा, “केवल ईश्वर की कृपा से मैं बचा और यह एक बुरा सपना था, जो मुझे परेशान करता रहेगा. नवीन की कार रांची के मेन रोड पर हनुमान मंदिर के पास उग्र भीड़ के बीच फंस गई थी.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सदस्य और बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन उस समय एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने जा रहे थे.

पैगंबर के बारे में भाजपा की अब निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और पार्टी से निष्कासित नेता नवीन जिंदल की कथित अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ शुक्रवार को रांची में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए.

Advertisement

नवीन ने बताया, “मैंने जो झेला, वह एक बुरा सपना था जो मुझे सताता रहेगा. मेरा मानना है कि केवल भगवान ने मुझे बचाया. मैं एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए रांची में था और मेन रोड पर कैपिटल हिल में ठहरा था. दोपहर के भोजन के बाद जब मैंने मोरहाबादी जाने की योजना बनाई तो हमने एक असामान्य भीड़ और विरोध प्रदर्शन देखा. जब वाहन आगे बढ़ने लगे, तो हमने सोचा कि हम भी चलेंगे लेकिन हमें नहीं पता था कि यह इतना हिंसक होगा. मेरी कार मेन रोड पर हनुमान मंदिर और काली मंदिर के पास फंस गई थी और भीड़ ने पथराव करना शुरू कर दिया था.”

Advertisement

पैगंबर टिप्पणी मामला : रांची में घायल हुए युवक ने कहा- छह गोलियां लगीं, चार निकाली गईं

मंत्री ने कहा कि आमतौर पर वह रांची जाते समय राजकीय अतिथि गृह में रुकते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने 23 जून को मंदार विधानसभा सीट पर उपचुनाव और आदर्श आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए एक होटल में रहना पसंद किया.

Advertisement

मंत्री ने कहा, “मेरा एस्कॉर्ट (सुरक्षा दस्ते की गाड़ी) पीछे रह गया और मैंने पाया कि कोई पुलिसकर्मी नहीं था. कानून लागू करने वाले बाद में पहुंचे और प्रदर्शनकारियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके कारण पुलिस को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी. मैं गोलीबारी में फंस गया. पत्थर फेंके जा रहे थे, दंगे हो रहे थे और आगजनी हुई थी और मेरी एसयूवी पर हर तरफ से हमला किया गया. सौभाग्य से मेरा ड्राइवर धीरे-धीरे गाड़ी चलाता रहा लेकिन बाइक सवार बदमाशों ने हमारा पीछा किया.”

Advertisement

झारखंड की राजधानी की एक प्रमुख दुकान कश्मीर वस्त्रालय तक पहुंचते-पहुंचते उनका वाहन लगभग क्षतिग्रस्त हो चुका था.

नवीन ने कहा, “कल्पना कीजिए कि आप आग्नेयास्त्रों, लोहे की छड़ों, ईंटों और हथियारों से लैस हजारों लोगों से घिरे हुए हैं. मैं भीड़ की आक्रामकता को कभी नहीं भूलूंगा और किसी तरह हम अपनी जान बचा सके.”

उन्होंने पूछा, जब प्रशासन को विरोध प्रदर्शन के बारे में पता था, तो वह पर्याप्त पुलिस बल कैसे तैनात नहीं कर सका?

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई है, उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी प्राथमिकी झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा को ई-मेल की है, जिन्होंने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

रांची में हुई की हिंसा की जांच के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसआईटी गठित की

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Jharkhand Election: क्या Champai Soren ने घोपा Hemant Soren के पीठ में छुरा? सुनें जवाब