BPSC परीक्षा मामला : छात्रों के समर्थन में सड़कों पर उतरा विपक्ष, सरकार पर उठाए सवाल

सीपीएम विधायक सतेंद्र यादव ने बिहार सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्र संगठनों ने आज मुख्यमंत्री आवास तक मार्च किया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
पटना:

बिहार में बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग के मुद्दे पर अब लेफ्ट और कांग्रेस का छात्र संगठन भी सड़क पर उतर आया है. बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को वामपंथी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने डाक बंगला चौराहे पर पुलिस बैरिकेडिंग को भी तोड़ दिया.

क्या है पूरा मामला?

भाकपा माले के विधायक अजीत कुशवाहा ने आईएएनएस से खास बातचीत में सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "सरकार तानाशाह हो गई है, वह किसी की बात नहीं सुनना चाहती है. छात्रों ने कहा कि पेपर लीक हुआ, लेकिन सरकार इस मामले में सबूत क्यों मांग रही है? यह स्पष्ट है कि अगर एक जगह पेपर लीक हुआ है तो क्या बाकी बिहार बच गया है? पूरे बिहार में पेपर लीक हुआ है, इसलिए छात्रों ने पूरे बिहार में परीक्षा को रद्द करने की मांग की."

उन्होंने आगे कहा, "सरकार ने 4 जनवरी 2025 को परीक्षा की तारीख तय कर दी. यह सरकार का तानाशाही पूर्ण रवैया है. उन्होंने अन्यायपूर्ण फैसला किया है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए, ताकि पूरे बिहार में फिर से परीक्षा को नए सिरे से कराया जा सके. यही हमारी भी मांग है."

Advertisement

विपक्ष क्यों कर रहे हैं छात्रों को सपोर्ट?

सीपीएम विधायक सतेंद्र यादव ने बिहार सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्र संगठनों ने आज मुख्यमंत्री आवास तक मार्च किया है. उसी के समर्थन में कांग्रेस और वामपंथी दलों के विधायक सड़क पर उतरे हैं. हम लगातार बोल रहे हैं कि नॉर्मलाइजेशन और पेपर लीक के माध्यम से बिहार सरकार और भाजपा के मंत्री अपने अफसर बेटा-बेटी की सेटिंग करने में लगे हुए हैं. वो नहीं चाहते हैं कि परीक्षा रद्द हो. वो नहीं चाहते हैं कि पेपर लीक बंद हो, क्योंकि पेपर लीक ही एक सहारा है, जहां जदयू और भाजपा के मंत्री और उनके अफसरों के बेटा-बेटी को नौकरी मिल सके."

Advertisement

उन्होंने आगे कहा, "बीपीएससी की नौकरी के जरिए जिस तरह से लूटने का प्रयास हो रहा है. हम वामपंथी लोग चुप बैठने वाले नहीं है, इसलिए आज सड़कों पर उतरकर चेतावनी दे रहे हैं. अभी भी सीएम नीतीश कुमार के लिए वक्त है, जिन्हें अपने मंत्री और अफसरों पर लगाम लगानी चाहिए. जिस आंदोलन की उपज वह खुद हैं, अगर उन्होंने छात्र आंदोलन का समाधान नहीं किया तो यह उनकी सरकार के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी."

Advertisement

कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा, "बिहार सरकार से इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं बची है. इसलिए विपक्ष के पास जलसा, जुलूस, बाचतीत और सेमिनार का रास्ता ही बचता है. हम इन सारे विकल्पों को अपनाएंगे. इस आंदोलन को अब पटना में नहीं बल्कि पूरे बिहार में लेकर जाएंगे. सरकार को झुकना पड़ेगा और इंसाफ की बात करनी पड़ेगी."

Advertisement

उन्होंने आगे कहा, "हम दोबारा परीक्षा की मांग का मुद्दा उठाते रहेंगे, क्योंकि यह इंसाफ के लिए मांग है. हमारी यही मांग है कि एक एग्जाम हो और एक ही रिजल्ट हो. दो एग्जाम और दो रिजल्ट की संभावना को सरकार कैसे बना रही है, आप खुद ही सोच सकते हैं. बिहार की सरकार और उनके मंत्रियों को जवाब देना होगा."
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi Elections Dates BREAKING NEWS: आज चुनाव का ऐलान, चुनाव आयोग करीब 2 बजे करेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस