BJP की पहली लिस्ट: जीत और जाति सबसे बड़ा फैक्टर, दिग्गजों पर कैसे भारी पड़ गए नए चेहरे

बीजेपी ने इस बार कई नए और युवा लोगों पर दांव लगाया है. इसके जरिए पार्टी ने बड़ा संदेश देने की कोशिश की है.

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  • बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट में पार्टी ने जाति के साथ-साथ युवा जोश को प्रमुखता दी है
  • पार्टी ने पहली सूची में 71 कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान करते हुए जातिगत समीकरण का पूरा ध्यान रखा है
  • पार्टी ने 10 विधायकों का टिकट काटा है, जिनमें 5 मंत्री रहे हैं. कुल 6 सिटिंग मंत्रियों को ही टिकट दिया है
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट में बीजेपी ने जाति के साथ-साथ युवा जोश को प्रमुखता दी है. पार्टी ने पहली सूची में कुल 71 कैंडिडेट्स के नाम का ऐलान किया है. इस सूची में जातिगत समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है. पार्टी ने सबसे ज्यादा 17 ईबीसी कैंडिडेट्स को टिकट दिया है. इसके बाद 11 ओबीसी, 5 एससी, 1 एसटी और 9 महिलाओं को टिकट दिया गया है. बाकी सीटों पर सवर्ण कैंडिडेट्स को उतारा गया है. लिस्ट में एक भी मुसलमान नहीं है.

6 सिटिंग मंत्री, 2 पूर्व सांसदों को टिकट

बीजेपी ने इस बार कुल 6 सिटिंग मंत्रियों को टिकट दिया है. विधान परिषद नेताओं को भी टिकट दिया गया है. दो पूर्व सांसद- सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू और दानापुर से रामकृपाल यादव को भी मैदान में उतारा है.  पार्टी ने सीट बंटवारे में गठबंधन के साथ तालमेल का भी अच्छा ख्याल रखा है. 

नंदकिशोर समेत कई दिग्गजों का पत्ता साफ

पार्टी ने इस बार कुल 10 विधायकों का टिकट काटा है, जिनमें 5 मंत्री रहे हैं. इनमें विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, पूर्व मंत्री रामप्रीत पासवान, अमरेंद्र सिंह, रामसूरत राय जैसे बड़े नेता भी हैं. बीजेपी ने बिहार सरकार में मंत्री रहे मोतीलाल प्रसाद की जगह रीगा से बैद्यनाथ प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है. मुंगेर से विधायक प्रणव कुमार का टिकट काटकर कुमार प्रणय को उम्मीदवारी दी गई है.

नए और युवा लोगों पर पार्टी का दांव 

पार्टी ने इस बार नए और युवा लोगों पर भी दांव लगाया है. राजनगर सीट से 32 वर्षीय सुजीत पासवान को पार्टी ने कैंडिडेट बनाया है. पटना साहिब से रत्नेश कुशवाहा और कुम्हरार से संजय गुप्ता को टिकट दिया है. पटना साहिब सीट से पार्टी ने मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव का टिकट काट दिया है. वह 30 साल से विधायक  हैं. 

बीजेपी ने इस बार राजनगर से सुजीत पासवान को मौका दिया है. युवाओं पर दांव लगाकर बीजेपी ने बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. पार्टी नए चेहरे को मौका दे रही है ताकि पार्टी नई पीढ़ी के नेताओं को तैयार कर सके. 

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