- नीतीश कुमार और उनकी सरकार को निशाने पर रखा जाएगा
- अगले उपचुनावों के लिए सभी दल अभी से तैयारी में लग जाएंगे
- जन सरोकार के मुद्दों पर राज्य भर में लोगों के साथ संघर्ष करेंगे
बिहार में महागठबंधन के नेताओं की मंगलवार को एक बैठक हुई. इस बैठक की ख़ास बात यह रही कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) ने अपना मोबाइल का नंबर अन्य दलों के नेताओं को दिया. यह बैठक भले राबड़ी देवी के घर पर हुई लेकिन इस बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी देने के लिए तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) अपने घर के बाहर अन्य नेताओं के साथ नहीं आए. इसके कारण अन्य दलों के नेताओं में नाराजगी भी दिखी. बैठक में उपेन्द्र कुशवाहा के सवाल कि आखिर महगठबंधन के अन्य नेता नीतीश कुमार की इतनी तारीफ़ क्यों करते हैं? पर तय हुआ कि भविष्य में नीतीश कुमार और उनकी सरकार को निशाने पर रखा जाएगा. साथ ही विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव में सभी दल अभी से तैयारी में लग जाएंगे.
बैठक के बाद जारी की गई एक विज्ञप्ति में कहा गया कि राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, रालोसपा, हम, वीआईपी पार्टी का महागठबंधन महज चुनाव के लिए नहीं था. यह गठबंधन अवाम के सरोकारों को उसकी समेकित पूर्ति के लिए था और हम अपनी सामूहिक जिम्मेदारी को भली भांति समझते हैं. हम सबका यह मानना है कि गरीब गुरबा, पिछड़ा, दलित, वंचित समाज और युवाओं के सरोकारों की मौजूदा केंद्र और राज्य की सरकार को रत्ती भर भी परवाह नहीं है.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि हम तमाम दलों के लिए हमारी राजनीति सिर्फ चुनाव लड़ने और सीटों के बंटवारे का नाम नहीं है. हमारी समकालीन राजनीति का ताल्लुक सर्वप्रथम इस बात से है कि किस प्रकार इस मौजूदा संकट की घड़ी से राज्य और देश को निकाला जाए. अर्थव्यवस्था आज़ादी के बाद के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. बेरोजगारी हर घर में दस्तक दे चुकी है. असंगठित क्षेत्र और किसानी लहूलुहान है. सदियों से स्थापित गुरु रविदास के मंदिर को तोड़ा जा रहा है. गरीबों की रोज़ी-रोटी और आशियाने को उजाड़ा जा रहा है. आरएसएस एवं बीजेपी सरकार संविधान और आरक्षण को समाप्त करने की साज़िश रच रही है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंशा भी ज़ाहिर की है.
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महागठबंधन ने कहा है कि हम सभी यह भी जानते हैं कि सामाजिक सौहार्द किस बदहाली से गुजर रहा है.बिहार में एनडीए गठबंधन 12 वर्ष से अधिक समय से शासन कर रहा है फिर भी बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार, पलायन, व्यापार और क़ानून व्यवस्था का बुरा हाल है.
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विज्ञप्ति में कहा गया है कि महागठबंधन के तमाम सहयोगी दल इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि मौजूदा दौर में राजनीति के स्वरूप और चरित्र को बदलना भी हमारी जिम्मेदारी है. राज्य और राष्ट्र को एक वैकल्पिक लोकोन्मुख राजनीति का तेवर दिया जाए, यह हम सबका भरोसा है. हमारा गठबंधन सिर्फ नेताओं के बीच का गठबंधन नहीं बल्कि समाज के हाशिए पर पड़े लोगों का हाथ पकड़कर चलने की प्रतिबद्धता का दूसरा नाम है. इस बैठक में हमने यह निर्णय लिया है कि आने वाले दिनों में हम जनसंघर्षों के माध्यम से जन सरोकार के मुद्दों पर राज्य भर में लोगों को शिक्षित और जागरूक करने के साथ शांतिपूर्ण संघर्ष में उनके सहभागी होंगे.
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