- सावन के महीने की शुरुआत होते ही देशभर में शिवभक्तों की आस्था के चलते कांवड़ यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ता है.
- कांवड़ यात्रा में शिवभक्त सुल्तानगंज से 109 किलोमीटर पैदल चलकर देवघर के बाबा धाम तक जल लेकर पहुंचते हैं.
- बिहार के मुंगेर जिले में कच्ची कांवड़िया पथ पर सावन के पहले दिन ही भक्तों का जत्था बाबाधाम के लिए प्रस्थान कर गया.
सावन का महीना शुरू होते ही देशभर में शिवभक्तों की आस्था का सैलाब उमड़ने लगता है। हर साल की तरह इस बार भी कांवड़ यात्रा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब बात बाबा भोलेनाथ की हो, न भक्तों के लिए कोई दूरी मायने रखती है, न कोई थकान और न ही कोई मौसम.
पैदल यात्रा में भक्तों का जोश, भक्ति और समर्पण देखते ही बनता है. कांवड़ में जल, पैरों में उत्साह और दिल में बाबा के दर्शन की ललक लिए हजारों श्रद्धालु "बोल बम" के नारों के साथ निकल पड़े हैं बाबा की नगरी की ओर.
सावन माह में एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेला में महादेव के भक्तों का बाबा नगरिया देवघर जाने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा है. कांवरिया सुल्तानगंज से जल भर 109 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबाधाम पहुंचते हैं.
मुंगेर जिला में 26 किलोमीटर कच्ची कांवड़िया पथ पर सावन के पहले दिन ही कांवड़ियों का जत्था बाबाधाम जाने के लिए निकल पड़ा है. पैरों में बंधे घुंघरुओं की आवाज से पूरा कच्ची कांवड़ियां पथ गूंज उठा है. इस श्रावणी मेला में बिहार ही नहीं बल्कि देश के कोने कोने से बाबा के भक्त बाबा धाम के लिय निकल पड़े हैं.
जिला प्रशासन के द्वारा 26 किलोमीटर में की गई व्यवस्था से कांवरिया काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं. कच्ची कांवड़िया पथ पर पानी , शौचालय , स्नानागार , धर्मशाला , मेडिकल कैंप सभी की काफी अच्छी व्यवस्था है. कांवड़ियों ने कहा कि सरकार ने उनके लिए काफी अच्छी व्यवस्था की है.