क्या नीतीश कुमार की फजीहत अब भाजपा के कारण और उसी के इशारे पर हो रही?

दो दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पूरे देश में पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ़्तारी के कारण आलोचना हो रही

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो).
पटना:

बिहार (Bihar) में कोरोना (Coronavirus) का संकट जारी है. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार इस फ़्रंट पर उनके अपने समर्थकों के अनुसार विफल रही है. लेकिन पिछले दो दिनों से नीतीश की पूरे देश में पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ़्तारी के कारण आलोचना हो रही है. यहां तक कि सोशल मीडिया पर जहां एक और पप्पू छाये हुए हैं वहीं दूसरी और नीतीश कुमार को विपक्ष तो छोड़िए, अब उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी भी सार्वजनिक रूप से इस गिरफ़्तारी को गलत बता रहे हैं.

लेकिन नीतीश कुमार के समर्थकों की मानें तो 32 वर्ष पूर्व के मामले में जैसे पप्पू यादव को गिरफ़्तार किया गया वो इसलिए ग़लत था क्योंकि कोरोना काल में एक बार फिर पप्पू आम लोगों की मदद के लिए सड़कों पर थे. जबकि वो चाहे पटना हो या कोई अन्य ज़िला वहां के स्थानीय सांसद या विधायक नदारद हैं जिसके कारण जनता में काफ़ी आक्रोश है. नीतीश कुमार के अपनी पार्टी के नेताओं के अनुसार जिस सांसद राजीव प्रताप रूडी के एम्बुलेंस प्रकरण के बाद भाजपा ने नीतीश कुमार पर पप्पू यादव को गिरफ़्तार करने के लिए विधिवत रूप से दबाव बनाया उस पूरे मामले को देखने से लगता है कि राज्य में सरकार होने के बाबजूद चालीस ड्राइवर का इंतज़ाम नहीं कर सके. वहीं पप्पू यादव ने चुनौती मिलने पर एक दिन में ये काम कर दिखाया. और जब गिरफ़्तारी हुई तो भाजपा के विधान परिषद के सदस्य रजनीश कुमार से लेकर कई अन्य नेताओं ने इसे ग़लत ठहराया. इससे पूर्व भी लॉकडाउन लगाने के मामले में खुद बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से नीतीश कुमार पर व्यंग किया था कि उनकी बातों को मानते तो हैं लेकिन देर से.

नीतीश कुमार के लिए पप्पू यादव प्रकरण इसलिए उनके राजनीतिक जीवन में कटु अनुभव का होगा कि उनके मंत्रिमंडल के दो सहयोगियों वीआईपी पार्टी के मुकेश मल्लाह और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सार्वजनिक रूप से ट्वीट कर गिरफ़्तारी को ग़लत बताया, जो किसी कैबिनेट के मुखिया के लिए उसके शासन के इक़बाल के लिए अच्छा नहीं माना जा सकता. हालांकि नीतीश कुमार ने कैबिनेट बैठक के दौरान अपने सहयोगियों को सार्वजनिक रूप से बयान देने के पहले सोच समझकर बोलने की सलाह दी लेकिन किसी ने ना अपना ट्वीट डिलीट किया ना सरकार के कदम को सही ठहराया. हालांकि नीतीश ने भाजपा के मंत्रियों, ख़ासकर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को बात करने के लिए कहा था.

Advertisement

बिहार : पप्पू यादव को पटना पुलिस ने किया अरेस्ट, लॉकडाउन के नियम तोड़ने का आरोप

नीतीश कुमार के लिए इन सबसे अधिक परेशानी है कि केंद्र कोरोना के फ़्रंट पर ना उन्हें पर्याप्त मात्रा में दवा, ना ऑक्सीजन ना वैक्सीन मुहैया करा रहा है. दूसरी ओर मीडिया में हर दिन अस्पतालों की बदहाली की ख़बरें उजागर होती हैं. जबकि स्वास्थ्य विभाग जब से एनडीए की सरकार बनी है, भाजपा के ही पास रहा है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
India Pakistan Tension: Jammu से Rajasthan तक Chinese Bomb की तरह Fail हुआ Pakistan Drone
Topics mentioned in this article