पुलिस बल को कथित तौर पर बगैर वारंट की गिरफ्तारी की शक्ति देने वाला एक विधेयक नीतीश कुमार सरकार के बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद मंगलवार को सदन में अभूतपूर्व स्थिति देखने को मिली. स्पीकर के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई. विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दल के महागठबंधन के सदस्य बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इसे लेकर विधानसभा में हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दिन में पांच बार स्थगित करनी पड़ी.
इस हंगामे को लेकर आरजेडी नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक विधायक की तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा है, 'राक्षसी प्रवृति वाली सरकार के ज़ालिम मुखिया नीतीश कुमार ने सदन के अंदर हमारे निहत्थे विधायकों को पिटवाया. गरीब परिवार से संबंध रखने वाले मेरे क्रांतिकारी साथी विधायक सतीश दास नीतीश कुमार की गुंडई का शिकार बने. उन्हें सिर में चोट मारी गयी. तस्वीर प्रमाण है.'
राक्षसी प्रवृति वाली सरकार के ज़ालिम मुखिया नीतीश कुमार ने सदन के अंदर हमारे निहत्थे विधायकों को पिटवाया।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 23, 2021
गरीब परिवार से संबंध रखने वाले मेरे क्रांतिकारी साथी विधायक सतीश दास नीतीश कुमार की गुंडई का शिकार बने। उन्हें सिर में चोट मारी गयी। तस्वीर प्रमाण है। #नीतीशकुमार_शर्म_करो pic.twitter.com/zKLQA4klBf
अनधिकृत जुलूस निकालने और डाक बंगला चौराहे पर पथराव करने में संलिप्त रहने को लेकर पुलिस तेजस्वी और राजद के अन्य नेताओं को कोतवाली थाना ले गये थी. वहां से रिहा होने के बाद तेजस्वी वापस विधानसभा में आए, जब सदन की कार्यवाही दोपहर तीन बजे फिर से शुरू हुई थी. इससे पहले, सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित की जा चुकी थी.
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मंत्री बिजेंद्र यादव द्वारा चर्चा के लिए विधेयक को पेश किये जाते ही विपक्षी सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के आसन के करीब चले गये, जहां मार्शल पहुंच गये ताकि सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ उनकी हाथापाई होने से रोका जा सके. इसपर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदन की कार्यवाही शाम साढे चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी और अपने कक्ष के अंदर चले गये, जबकि महागठबंधन के सदस्यों ने इसे चारों ओर से घेर लिया और नारेबाजी करने लगे.
स्थिति से निपटने में मार्शल को समस्या होने के बारे में पता चलने पर पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा विधानसभा परिसर पहुंचे. इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार ने सदन के पीठासीन अधिकारी के तौर पर कार्यवाही बहाल की, लेकिन पूरे सदन में शोरगुल होता रहा.
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मंत्री के तौर पर विधानसभा में मौजूद एमएलसी अशोक चौधरी उस वक्त गुस्से में नजर आए, जब विपक्षी सदस्यों ने प्रेम कुमार से कागज छीनने की कोशिश की. दरअसल, चौधरी ने जद(यू) के साथी विधायकों से अपने पास आने का अनुरोध किया, जब वह अध्यक्ष के आसन के करीब चले गये थे.
राजद के एक विधायक इस दौरान चौधरी के साथ धक्कामुक्की होने पर फर्श पर गिर पड़े. इससे विपक्षी सदस्य गुस्से में आ गये और उन्होंने मेज पर कुर्सी पटक कर उसे (मेज) तोड़ दी. इसके चलते, पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही शाम साढ़े पांच बजे के तक के लिए स्थगित कर दी. दिन में, तेजस्वी के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ताओं ने विधानसभा परिसर तक मार्च करने की कोशिश की, जिस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़पें हुई. (इनपुट भाषा से भी)
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