'बिहार के सिंघम' रहे शिवदीप लांडे, अब ठोकेंगे चुनावी ताल; अररिया और जमालपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान

शिवदीप लांडे को  2015 में पटना में सिटी एसपी बनाया गया था. उस वक्त उन्होंने घूस ले रहे अपने ही विभाग के इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ा था. इसके बाद वह प्रदेश नहीं पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए थे. अब वह चुनावी मैदान में दिखाई देंगे. पढ़ें अरुण कुुमार की रिपोर्ट...

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बिहार के पूर्व IPS अब चुनावी मैदान में दिखेंगे.
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  • 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने 18 सालों की सेवा के बाद बिहार की सियासत में कदम रखा है.
  • उन्होंने अररिया और जमालपुर विधानसभा सीटों से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा सोशल मीडिया पर की है.
  • शिवदीप लांडे अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई को लेकर 'बिहार के सिंघम' के नाम से जाने जाते हैं.
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पटना:

बिहार के कई नामी चेहरे अब चुनावी मैदान में दिखाई देंगे. सिंघम और सुपरकॉप के नाम से मशहूर 2006 बैच के आईपीएस अफसर शिवदीप वामनराव लांडे 18 साल तक बतौर आईपीएस सेवा देने के बाद अब सियासत की पारी शुरू करने जा रहे हैं. उन्होंने अररिया और मुंगेर के जमालपुर से विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. 2006 बैच के आईपीएस अफसर ने पूर्णिया में आईजी के रूप में पोस्टिंग के 13 दिनों बाद ही जब इस्तीफे की घोषणा कर सियासी भूचाल ला दिया था.

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पोस्टिंग के 13 दिन बाद दिया था इस्तीफा

लांडे ने 19 सितंबर 2024 को उन्होंने इस्तीफा दिया था. पूर्णिया में महज 13 दिनों तक सेवा देने के दौरान ही उन्होंने अररिया, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया में नशे के खिलाफ कार्रवाई कर नशा कारोबारियों में खलबली मचा दी थी.उनके अचानक तबादले को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए गए थे. 

हालांकि बिहार सरकार ने पहले उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया था. लेकिन वे अपने फैसले पर अड़े रहे, जिसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया. जिसके बाद उन्होंने अपनी वर्दी के साथ सोशल मीडिया पर एक मार्मिक पोस्ट लिख बिहार में अपनी सेवा जारी रखने की बात कही. उसके बाद से ही उनके सियासत में उतरने के कयास लगने लगे थे.

शिवदीप लांडे ने किया निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान

शिवदीप लांडे की बिहार में सोशल मीडिया पर लंबी फैन फॉलोइंग है. इस्तीफे के बाद उन्होंने रन फॉर सेल्फ कैंपेन की शुरुआत क विभिन्न जिलों में युवाओं के साथ दौड़ लगाई. जिसके बाद उन्होंने हिन्द सेना के नाम से अपनी पार्टी का ऐलान किया. हालांकि उनकी पार्टी को निर्वाचन आयोग से मान्यता नहीं मिलने की बात कही जा रही है. बावजूद उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. अररिया और जमालपुर दो विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.

तेज तर्रार अफसर रहे शिवदीप लांडे सियासी पारी को लेकर सुर्खियों में हैं. 2006 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी के रूप में उन्हें अपराधियों के खिलाफ सख्त और तुरंत कार्रवाई को लेकर सिंघम और सुपरकॉप कहा जाता रहा है. शिवदीप लांडे महाराष्ट्र के रहने वाला हैं. उनका जन्म महाराष्ट्र में 29 अगस्त 1976 को हुआ था.

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  • शिवदीप की पहली पोस्टिंग प्रोबेशन पीरियड के रूप में मुंगेर के जमालपुर में बतौर डीएसपी हुई थी.
  • उन्होंने पहली पोस्टिंग के दौरान ही कई कुख्यात नक्सलियों को गिरफ्तार किया था.
  • उन्होंने जमालपुर में पत्थर चोरी रैकेट का भंडाफोड़ किया, जिससे पूरे इलाके में उनकी धाक जम गई.
  • नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान उन पर फायरिंग भी हुई थी,इस दौरान वह बाल-बाल बचे थे.
  • पटना सिटी एसपी के रूप में उन्होंने पटना में चल रहे डुप्लीकेसी के धंधे का भंडाफोड़ किया था.
  • यह सौंदर्य प्रसाधन की सामग्री डुप्लीकेसी मामले में बिहार की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक थी.

'बिहार के सिंघम' कहे जाते हैं शिवदीप लांडे

पटना सिटी एसपी के बाद उन्हें 2011 में अररिया जिले का एसपी बनाया गया था. अररिया में उन्होंने कब्र से शव के गायब होने,हाथी दांत के कारोबारी को पकड़ने समेत भारत-नेपाल सीमा पर हो रहे तस्करी के धंधे पर विराम लगाया. अन्य गोरखधंधे के खिलाफ भी उन्होंने ताबड़तोड़ एक्शन लेते हुए समाजिक आर्थिक अपराध करने वालों की कमर तोड़ दी.

अररिया में उन्होंने कॉलेज छात्राओं और युवाओं को अपना नंबर दिया हुआ था. सूचना मिने पर वह तुरंत एक्शन लेते थे. जिसके बाद युवा उनको गोरखधंधा करने वालों की गुप्त सूचना देने लगे. अररिया से तबादले के समय उनके विदाई समारोह में हजारों लोग जुटे थे. उन्होंने अररिया, पटना, रोहतास आदि जिलों के एसपी के रूप में खूब सुर्खियां बटोरीं.

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2015 में पटना में सिटी एसपी बने, फिर पूरे देश में छा गए

शिवदीप लांडे को  2015 में पटना में सिटी एसपी बनाया गया था. उस वक्त उन्होंने घूस ले रहे अपने ही विभाग के इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ा था. इसके बाद वह प्रदेश नहीं पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए थे. रोहतास में पत्थर माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर चलाकर अवैध क्रशर को ध्वस्त करना ,आज भी उनको अन्य आईपीएस अफसरों से अलग कैटेगरी में रखता है.

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर मुंबई में भी उन्होंने अपना जलवा बरकरार रखा. महाराष्ट्र पुलिस में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस- एंटी नारकोटिक्स सेल, क्राइम ब्रांच, मुंबई के रूप में सेवा देते हुए कई गिरोह का सफाया किया. आखिरी पोस्टिंग के रूप में पूर्णिया रेंज के वह आईजी बने. उससे पहले वह मुजफ्फरपुर में आईजी थे. लेकिन ट्रांसफर के बाद वे पूर्णिया रेंज के आईजी बने लेकिन 13 दिन बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. सोशल मीडिया पर उन्होंने अररिया और जमालपुर दो विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा की है.

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