- नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से दरभंगा जिले के कमला बलान नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है
- घनश्यामपुर प्रखंड के आठ गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं और वे टापू में तब्दील हो चुके हैं
- बाढ़ के कारण घर, आंगन और गलियों में पानी घुस चुका है, जिससे लोगों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश का असर अब बिहार के दरभंगा जिले में दिखने लगा है. कमला बलान नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे घनश्यामपुर प्रखंड के बाऊर, नवटोलिया, बैजनाथपुर, कनकी मुसहरी, भरसाहा, कैथाही, रसियारी पुनर्वास टोला, लगमा मुसहरी और जमरी डीह टोल समेत आठ गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी में घिर गए हैं, ये गांव अब टापू में तब्दील हो चुके हैं.
ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन अलर्ट पर
चारों ओर पानी भर जाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. हालांकि यहां पर प्रशासन ने बांधों की निगरानी बढ़ा दी है. इस वक्त निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घर, आंगन और गलियों में घुस चुका है. आलम ये है कि कई परिवारों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है, जबकि कुछ लोग अब भी अपने घरों में ही हैं. प्रशासन लगातार नाव के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है.
सड़कें डूबीं, स्कूलों में घुसा पानी
बाऊर–घनश्यामपुर प्रधानमंत्री सड़क पर एक से दो फीट तक पानी बह रहा है. कई जगहों पर ग्रामीण नाव और अस्थायी बेड़े का सहारा ले रहे हैं. सड़कों पर पानी भरने से आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. घनश्यामपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय बाऊर कन्या, नवटोलिया, रसियारी और कनकी मुसहरी समेत कई स्कूलों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे पठन–पाठन और मिड डे मील योजना पूरी तरह ठप हो गई है.
राहत और बचाव कार्य जारी
अंचल निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए नावें लगाई गई हैं और आवश्यकता पड़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी. अब तक 100 तिरपाल वितरित किए जा चुके हैं और जरूरत पड़ने पर सामुदायिक किचन शुरू करने की भी तैयारी है. देर शाम जिला प्रशासन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि भारी बारिश और नेपाल की ओर से अप्रत्याशित जलस्राव के कारण दरभंगा जिले के किरतपुर, कुशेश्वरस्थान पूर्वी, गौड़ाबराम और घनश्यामपुर अंचलों के कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य
सामुदायिक रसोई: 11 स्थलों पर सामुदायिक रसोई शुरू की गई है.
- किरतपुर: 1
- कुशेश्वरस्थान पूर्वी: 3
- घनश्यामपुर: 4
- कुल लाभार्थी: 2,357 व्यक्ति
पॉलीथिन शीट वितरण
- किरतपुर: 448
- कुशेश्वरस्थान पूर्वी: 145
- गौड़ाबराम: 785
- घनश्यामपुर: 700
- कुल वितरण**: 2,078 पॉलीथिन शीट्स
नावों का परिचालन
- किरतपुर: 36 नाव
- कुशेश्वरस्थान पूर्वी: 32 नाव
- गौड़ाबराम: 10 नाव
- घनश्यामपुर: 16 नाव
- कुल नावें: 94
राहत शिविरों में शरण
कुल 594 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. इनमें से 442 व्यक्ति राहत शिविरों या तटबंधों पर रह रहे हैं. बाढ़ के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. किरतपुर में आवश्यकतानुसार एक पशु चिकित्सा दल भी कार्यरत है ताकि पशुओं की देखभाल की जा सकें.