- मधेपुरा जिले की बिहारीगंज सीट एक सामान्य (अनारक्षित) सीट है और मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र में आती है.
- जनता दल यूनाइटेड ने 2010 से लगातार तीन बार इस सीट पर विजय प्राप्त की है और एनडीए का दबदबा कायम रखा है.
- बिहारीगंज की अनुमानित जनसंख्या 5 लाख 36 हजार से अधिक और मतदाता संख्या 3 लाख 33 हजार है.
बिहार चुनाव परिणाम में एनडीए गठबंधन ने जबरदस्त जीत दर्ज की है. वहीं मधेपुरा जिले की बिहारीगंज विधानसभा सीट पर जेडीयू उम्मीदवार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं. यहां पर पार्टी के निरंजन कुमार मेहता ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी और राजद उम्मीदवार रेनु कुमारी को करारी शिकस्त दी है. जेडीयू उम्मीदवार ने रेनु कुमारी को 31622 मतों से हराकर इस सीट पर कब्जा किया. इस चुनाव में निरंजन कुमार मेहता को 1,16,622 मत मिले तो रेनु कुमारी को 85,000 मतों से ही संतोष करना पड़ा. तीसरे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी कर्ण कुमार मिश्रा रहे, जिन्हें 5372 मत मिले. वहीं जन सुराज यहां पर चौथे स्थान पर रही.
बिहार चुनाव के पहले चरण में बिहारीगंज सीट पर वोटिंग हुई थी. इस दौरान सीट पर 68.30 फीसदी मतदान हुआ. यह एक सामान्य (अनारक्षित) सीट है, जिसे 2008 के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद एक स्वतंत्र निर्वाचन क्षेत्र का दर्जा मिला था.
जेडीयू का रहा है दबदबा
राजनीतिक रूप से देखा जाए तो इस सीट पर जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू का पिछले तीन बार से दबदबा बना हुआ है. 2010 में हुए पहले चुनाव में रेणु कुमारी ने जीत हासिल की थी, जबकि 2015 और 2020 के चुनावों में निरंजन कुमार मेहता ने लगातार जीत दर्ज की. 2020 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी सुभाषिनी बुंदेला को हराया था और सीट को एनडीए के पक्ष में बनाए रखा. अब 2025 में चौथी बार भी यह सीट जेडीयू के पास ही रही है.
इस तरह से जानिए बिहारीगंज को
भौगोलिक दृष्टि से बिहारीगंज, मधेपुरा जिले के दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थित है और जिला मुख्यालय से 41 किलोमीटर दूर है. यह बरौनी-कटिहार रेलमार्ग पर बसा हुआ है और इसका रेलवे स्टेशन उत्तर बिहार के सबसे पुराने स्टेशनों में गिना जाता है. नजदीकी शहरों में मुरलीगंज, ग्वालपाड़ा और पूर्णिया शामिल हैं, वहीं राजधानी पटना यहां से करीब 270 किलोमीटर की दूरी पर है.
बिहारीगंज की धरती कोसी नदी के उपजाऊ बेसिन क्षेत्र में आती है, जहां हर साल बाढ़ और जलजमाव कृषि, आधारभूत संरचना और जनजीवन को प्रभावित करते हैं. यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. धान, गेहूं, मक्का, दालों के अलावा कुछ इलाकों में गन्ना और जूट की खेती भी की जाती है.














