- बिहार चुनाव के पहले चरण में 65.1 फीसदी वोटिंग हुई है, यह पिछले चुनाव से करीब 9 फीसदी अधिक है.
- राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वोटिंग बढ़ने से विपक्ष को फायदा होता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है.
- जानकारी के मुताबिक, चुनाव में महिलाओं ने पुरुषों से 8 प्रतिशत अधिक वोटिंग की है. ये भी बड़ा फैक्टर होगा.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बंपर वोटिंग हुई है. बड़ी संख्या में मतदाता अपने घरों से निकले और मतदान केंद्रों तक पहुंचे और करीब 9 फीसदी मतदान अधिक हुआ है. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले चुनाव के दौरान 56.2 फीसदी मतदान हुआ था, लेकिन इस बार पहले चरण में 65.1 फीसदी वोटिंग हुई है. ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि मतदान बढ़ने का फायदा महागठबंधन को होगा या एनडीए को. एनडीटीवी के CEO और एडिटर इन चीफ राहुल कंवल ने राजनीतिक विश्लेषकों से जाना कि बिहार में बंपर वोटिंग को लेकर उनकी राय क्या है.
सतीश के. सिंह
पांच प्रमुख कारण है, जिससे वोटर बढ़ा-
- कोरोना: पिछली बार कोरोना के तुरंत बाद बिहार विधानसभा का चुनाव हुआ था.
- मोबिलाइजेशन: वहां पर तीन ताकते हैं. प्रशांत किशोर भी आ गए हैं. इसलिए मोबिलाइजेशन बहुत है.
- पहचाल स्थापित करने की कोशिश: इस बार लोगों को शंका थी कि मेरा वोट है कि नहीं. अपनी पहचान स्थापित करने, सत्यापित करने के लिए लोग वोट देने के लिए आए.
- 10 हजार का फर्क पड़ेगा
- महिला और युवा का फर्क पड़ेगा
मेरे खयाल से लोग सबके लिए वोट देने के लिए आए हैं.
अजीत झा
परंपरा रही है कि वोटर टर्नआउट बढ़ने पर विपक्ष को फायदा होता है, लेकिन इस चुनाव में बिहार घूमने पर पता चला कि एंटी इनकंबेंसी वोट है ही नहीं. युवा वोट परिवर्तन के लिए है और महिला वोट नीतीश कुमार के लिए है. युवा वोट तेजस्वी और पीके में बंट सकता है.
अखिलेश शर्मा
महिलाओं ने बड़ी संख्या में वोट दिए हैं. शुरुआती जानकारी में यह बात सामने आई है कि महिलाओं ने पुरुषों से 8 प्रतिशत अधिक वोटिंग की है. महिलाओं में नीतीश की जो लोकप्रियता बढ़ी है, उसका असर दिखा है.
शुभ्रास्था
महिलाओं के केस में देखें तो जेडीयू की महिला प्रकोष्ठ ने जिस तरह का प्रचार किया है. महिला प्रकोष्ठ ने कहा कि यह शायद नीतीश जी का आखिरी चुनाव है.
विजय त्रिवेदी
चुनाव तेजस्वी के साथ शुरू हुआ था. अब नीतीश कुमार तक पहुंच चुका है. महिलाओं का वोट प्रतिशत 8 प्रतिशत बढ़ा है. जो प्रवासी वापस नहीं लौटे हैं, उनके कारण भी वोट बढ़ा है. जो प्रवासी वोट बढ़ें हैं, उनमें ज्यादातर वोट तेजस्वी के पक्ष में माना जा सकता है.














