बिहार चुनाव: स्‍वीप आइकॉन नीतू चंद्रा ने मुख्‍य निर्वाचन पदाधिकारी से की मुलाकात, शुरू किया जागरूकता अभियान

नीतू चंद्रा ने बिहार चुनाव आयोग कार्यालय में बिहार के मुख्‍य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की. चंद्रा के पहुंचने पर फूलों का गुलदस्‍ता भेंटकर उनका स्‍वागत किया गया. नीतू चंद्रा ने बिहार में जागरूकता कार्यक्रम शुरू भी कर दिया है.  

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  • नीतू चंद्रा को बिहार में मतदाता जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने के लिए स्टेट स्वीप आइकॉन नियुक्त किया गया है.
  • नीतू चंद्रा ने बिहार चुनाव आयोग कार्यालय में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात की.
  • नीतू चंद्रा ने छठ घाट पर पूजा के दौरान लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया.
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पटना :

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री और निर्माता नीतू चंद्रा को चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव को लेकर बड़ी जिम्‍मेदारी दी है. मतदाता जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने के लिए नीतू चंद्रा को स्‍टेट स्‍वीप (Systematic Voters Education and Electoral Participation) आइकॉन नियुक्‍त किया गया है. अपनी जिम्‍मेदारी निभाने की कड़ी में नीतू चंद्रा पटना स्थित राज्‍य के चुनाव आयोग कार्यालय पहुंची. नीतू चंद्रा को बिहार चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन के रूप में भूमिका समझने के लिए आमंत्रित किया गया था. 

नीतू चंद्रा ने बिहार चुनाव आयोग कार्यालय में बिहार के मुख्‍य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात की. चंद्रा के पहुंचने पर फूलों का गुलदस्‍ता भेंटकर उनका स्‍वागत किया गया. नीतू चंद्रा ने बिहार में जागरूकता कार्यक्रम शुरू भी कर दिया है.  

छठ घाट पर लोगों को किया जागरूक 

उन्‍होंने छठ घाट पर शाम की पूजा के दौरान स्वीप आइकन के रूप में अपनी भूमिका निभाई और लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया. नीतू चंद्रा राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री और निर्माता हैं. यही कारण है कि उन्‍हें बिहार चुनाव में मतदाताओं में जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने के लिए बिहार चुनाव आयोग का आइकन फेस नियुक्त किया गया है. 

अपने अभियान के दौरान उनका फोकस शहरी युवाओं और पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने पर रहेगा. 

इस तरह के अभियानों में होंगी शामिल 

इस दौरान नीतू चंद्रा मतदान को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक सर्विस मैसेज, नुक्कड़ नाटकों, सामुदायिक कार्यक्रमों, मतदाता पंजीकरण अभियानों और सोशल मीडिया अभियानों में शामिल होंगी. 

इस तरह के अभियानों का मकसद बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान में इजाफा करना है, खासतौर पर युवाओं और शहरी आबादी को मतदान केंद्रों तक लाना सबसे बड़ा लक्ष्‍य है. 
 

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