बिहार चुनाव: आरजेडी ने साधे सभी समीकरण, भूमिहार और कुशवाहा उम्मीदवारों को भी तरजीह

बिहार चुनाव में आरजेडी ने हर वर्ग को साधने की कोशिश की है. राजद ने इस बार 18 मुस्लिम चेहरों पर दांव खेल के यह संकेत दिया है कि पार्टी अपने पारंपरिक वोट बैंक को एकजुट रखना चाहती है. सूची को देखें, तो इनमें कई पुराने नामों के साथ-साथ नए लोगों को भी स्थान दिया गया है.

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माई समीकरण को फिर एक बार दी गई तरजीह
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  • राष्ट्रीय जनता दल ने 2025 बिहार चुनाव के लिए कुल 143 सीटों पर उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी की है
  • राजद ने यादव और मुस्लिम समाज को मजबूत आधार मानते हुए करीब 30 यादव और अठारह मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है
  • पार्टी ने महिला उम्मीदवारों को भी महत्व देते हुए चौबीस महिलाओं को टिकट देकर सामाजिक समरसता पर जोर दिया है
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पटना:

महागठबंधन में अभी तक आधिकारिक रूप से सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है. काफी मंथन और जद्दोजहद के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 2025 विधानसभा चुनाव के लिए अपने आधिकारिक रूप से उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दिया है. राजद द्वार जारी की गई सूची के मुताबिक, अब पार्टी कुल 143 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वही कांग्रेस ने भी अभी तक कुल 60 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का घोषणा की है. जारी की गई 143 लोगों को सूची में सामाजिक समीकरण का क्या ख्याल रखा गया है. एक तरह अपने आधार वोट माई समीकरण को साधने का प्रयास किया गया है, तो दूसरी तरफ अपने आधार वोट को विस्तार देने के लिए EBC और फॉरवर्ड समाज से आने वाले लोगों को भी सूची में इंपॉर्टेंस दिया गया है. पार्टी  महिला और युवा वर्ग को साधने के लिए  विशेष रणनीति बनाई हैं.

माई समीकरण को फिर एक बार दी गई तरजीह

बिहार में किसी एक पार्टी के पास सबसे मजबूत सामाजिक आधार हैं तो वह राजद... दशकों के राजनैतिक सफर और कई बार चुनाव हारने के बावजूद राजद आज मुख्य विपक्षी पार्टी राज्य में बनी हुई है, इसका मुख्य कारण, उसका मजबूत MY(मुस्लिम यादव) का सामाजिक समीकरण. आज भी पार्टी का इस सामाजिक समीकरण पर मजबूत पकड़ है और एक तरह से पार्टी का आधार वोट माना जातचेन... यदि इस बार के राजद के 143 सीटों के सूची को देखे तो पार्टी ने करीब 30 से अधिक यादवों को और 18 से अधिक मुस्लिमों को टिकट दिया है. यदि सूची को देखें, तो खुद तेजस्वी राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश यादव झाझा से, दरभंगा ग्रामीण से ललित यादव, बहादुरपुर से भोला यादव, मीनापुर से मुन्ना यादव, छपरा से खेसारी लाल यादव हिलसा से शक्ति यादव, अवध बिहारी चौधरी सिवान से, भाई वीरेंद्र मनेर से, दानापुर से रीतलाल यादव चुनाव लड़ेंगे.

राष्ट्रीय जनता दल की लिस्ट का सामाजिक समीकरण

  • सबसे अधिक 52 उम्मीदवार यादव जाति के हैं. 
  • 18 उम्मीदवार मुस्लिम हैं.
  • 13 उम्मीदवार कुशवाहा हैं, 2 कुर्मी हैं.
  • अगड़ी जाति के 16 उम्मीदवार हैं, इनमें 7 राजपूत, 6 भूमिहार और 3 ब्राह्मण शामिल हैं. 
  • 20 उम्मीदवार अनुसूचित जाति के हैं, इनमें 1 अनुसूचित जनजाति से है.
  • कोइरी, कुर्मी, कुशवाहा के अलावा पिछड़ी एवं अत्यंत पिछड़ी जातियों के 21 उम्मीदवार हैं. इनमें चंद्रवंशी (कहार), नोनिया, तेली, मल्लाह जैसी जातियों को अधिक प्रतिनिधित्व मिला है.

अल्पसंख्यक को भी मिला भागीदारी 

मुस्लिम चेहरों की बात करें, तो पार्टी के प्रमुख मुस्लिम नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी हैं. राजद ने इस बार 18 मुस्लिम चेहरों पर दांव खेल के यह संकेत दिया है कि पार्टी अपने पारंपरिक वोट बैंक को एकजुट रखना चाहती है. सूची को देखें, तो इनमें कई पुराने नामों के साथ-साथ नए लोगों को भी स्थान दिया गया है. डॉ. फिरोज फातमी (केवटी), यूसुफ सल्लाउद्दीन (सिमरी बख्तियारपुर), अख्तरुल इस्लाम शहीन (समस्तीपुर), फैसल रहमान (ढाका), सैयद अबु दोजाना (सुरसंड), ओसामा शाहाब (रघुनाथपुर) और इशरत परवीन (प्राणपुर). इसके अलावा, सऊद आलम (ठाकुरगंज) और मुजाहिद आलम (कोचाधाम) जैसे युवा चेहरे भी मैदान में हैं.
राजद ने इस बार खासकर युवाओं, महिलाओं और अल्पसंख्यक समाज से आने वाले लोगों को खास तरजीह  सूची में दी है. पार्टी ने 18 अल्पसंख्यक और 24 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. RJD का कहना है कि यह कदम सामाजिक समरसता और सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.

EBC और फॉरवर्ड वोट बैंक पर नजर

बिहार में EBC निर्णायक भूमिका निभाते हैं. राजद और कांग्रेस यदि इस वर्ग को अपने साथ जोड़ने में सफल होती है, तो उसका वोट प्रतिशत बढ़ सकता है. यदि इबीसी समाज का झुकाव राजद कांग्रेस के तरफ होता फिर राजग को कठिन चुनौती मिलेगी. महागठबंधन इस बार अति पिछड़ा वर्ग को साधने में जुटा है. टिकट बंटवारे में इसकी झलक दिख रही है. बिहार में करीब 36 फीसदी आबादी वाले ईबीसी वर्ग को एनडीए खासकर नीतीश कुमार की जदयू का वोट बैंक माना जाता है. महागठबंधन शुरू से ही इस वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में है. राहुल गांधी ने पटना, राजगीर सहित कई जगहों पर इस वर्ग के साथ संवाद भी किया है. दूसरी तरफ राजद ने NDA के कोर वोट बैंक पर भी सेंध लगाने की कोशिश की है. सूची में फॉरवर्ड समाज से आने वाले लोगों को भी जगह दिया गया है. सूची को देखे तो परबत्ता से डॉ संजीव, मोकामा से वीणा देवी लालगंज से शिवानी शुक्ला, घोसी से राहुल शर्मा, शाहपुर से राहुल तिवारी को टिकट दिया गया है.

लव कुश पर भी नजर

राजद ने गैर यादव ओबीसी वर्ग में कुशवाहा समाज को भी साधने का प्रयास किया गया है. राजद ने इसकी शुरुआत लोकसभा चुनाव के समय से कर दी थी, जिसका फायदा कुछ हद तक पार्टी को मिला भी था. लिस्ट में देखें तो सीतामढ़ी से सुनील कुशवाहा, तो वहीं वैशाली से अजय कुशवाहा, धमदाहा से पूर्व सांसद सतीश कुशवाहा पर दांव लगाया गया गया है. वैश्यों समाज के प्रमुख लोगों को भी सूची में स्थान मिला है. मधुबनी से समीर महासेठ, तो बेलसंड से संजय गुप्ता को टिकट दिया गया है.

राजद में आधी आबादी को भी भागीदारी

देश में बीते पांच सालों में हुए चुनाव और उनके परिणामों का अध्ययन करेंगे, तो इसमें देखा गया है कि विजय होने वाले पार्टी  की जीत में आधी आबादी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. जिधर महिलाओं का झुकान रहा उस पार्टी या गठबंधन सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता. बिहार में नीतीश कुमार इसके जीता जागता उदाहरण है. राजद ने भी इस महत्व को समझते हुए इस बार 24 महिला उम्मीदवारों को अपने सूची में जगह दिया है, जिनमें कई पहली बार चुनाव मैदान में उतरेंगी. इनमें प्रमुख नाम हैं- रेणु कुशवाहा (बिहारीगंज), श्वेता सुमन (मोहनिया), वीणा देवी (मोकामा), करिश्मा राय (परसा), पिंकी चौधरी (रजौली), बीमा भारती (रुपौली) और रितु प्रिया चौधरी (इमामगंज). इनके अलावा, रेखा पासवान (मसौढ़ी) और संध्या रानी कुशवाहा (मधुबन) जैसी महिला नेता भी इस बार RJD का चेहरा होंगी.
 

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