- बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की सीट शेयरिंग में अब भी कई राजनीतिक पेच बने हुए हैं.
- VIP नेता मुकेश सहनी महागठबंधन के साथ हैं लेकिन उनका आगामी राजनीतिक रुख अभी भी अनिश्चित बना हुआ है.
- मुकेश सहनी निषाद जाति के नेता हैं, जो बिहार की जनसंख्या का लगभग दो दशमलव छह प्रतिशत हिस्सा है.
Bihar Elections: बिहार के विधानसभा चुनाव में गजब की खिचड़ी पक रही है. एक समय लगता है कि दोनों सियासी गठबंधनों में सब कुछ ठीक हो गया है, लेकिन थोड़ी ही देर बाद फिर कुछ ऐसा होता है, जो ऑल गुड के दावों की पोल खोल देती है. NDA ने गिरते-पड़ते स्थिति संभाल ली. लेकिन महागठबंधन में इतने पेच है कि स्थिति अब हाथ से निकलती नजर आ रही है. हालांकि राजनीति में अगले ही पल क्या हो जाए, कोई नहीं कह सकता. इस बीच बिहार के चुनाव में सबसे बड़ा सस्पेंस वीआईपी नेता मुकेश सहनी को लेकर है. मुकेश सहनी महागठबंधन के साथ तो है, लेकिन उनका अगला रुख क्या होगा, यह कोई नहीं कह सकता.
मुकेश सहनी की PC की टाइमिंग बार-बार बढ़ रही
मुकेश सहनी ने आज दिन में प्रेस कॉफ्रेंस बुलाई थी. पहले पीसी की टाइमिंग 12 बजे बताई गई थी, जो बाद में बढ़कर 4 बजे हुई और अब यह टाइमिंग बढ़कर 6 बज गई है. अब देखना है कि शाम 6 बजे की पीसी में मुकेश सहनी क्या कुछ फैसला लेते हैं?
बॉलीवुड से लौटकर सन ऑफ मल्लाह ने बिहार में शुरू की राजनीति
बॉलीवुड से लौटे ‘सन ऑफ मल्लाह‘ मुकेश सहनी ने बीते कुछ सालों में बिहार की राजनीति में अपने आप को स्थापित तो किया, लेकिन उनके पांव पक्के तौर पर अभी तक नहीं जम सके हैं. मुकेश सहनी खुद को निषाद जाति के नेता बताते है. बिहार में इस जाति की जनसंख्या करीब 2.6% है.
निषाद समाज के बड़े नेता, बीजेपी ने तैयार कर लिया काट
बिहार की राजनीति में मुकेश सहनी की एंट्री से पहले राज्य स्तर पर निषाद समाज से कोई नेतृत्व नहीं होने के कारण ये बाकी अति पिछड़ा जाति के जैसे ही वोट करते आए. लेकिन ‘ सन ऑफ़ मल्लाह ‘ के उद्भव के बाद इस जाति को लेकर एक धारणा बनी कि जिधर मुकेश सहनी रहेंगे उधर ही ये वोट करेंगे.
बीजेपी में अजय निषाद, राजनारायण निषाद जैसे मल्लाह नेता
हालांकि यह धारणा कितनी सही है, इस पर बहस की गुजाइंश बचती है. मुकेश सहनी और उनके समर्थक उन्हें मल्लाह जाति का नेता तो बताते हैं. लेकिन क्षेत्र और विधानसभा के आधार पर दोनों गठबंधन ने मुकेश के अलावा निषाद जाति से अलग-अलग नेता बनाए हैं. मुकेश सहनी से पहले बिहार में निषाद समाज के बड़े नेता के रूप में कैप्टन जयनारायण निषाद का नाम आता था. अब उनके बेटे अजय निषाद को बीजेपी आगे बढ़ा रही है.
रमा निषाद को बीजेपी ने औराई से दिया टिकट
इसके अलावा बीजेपी ने मुजफ्फरपुर के वर्तमान सांसद राजनारायण निषाद को केंद्र में मंत्री का ओहदा दिया है. बीजेपी ने मुजफ्फरपुर के ही पूर्व सांसद अजय निषाद की भाजपा में वापसी के साथ उनकी पत्नी रमा निषाद को औराई सीट से टिकट दिया गया है. ऐसे में यह तो तय है कि बीजेपी निषाद समाज को साधने के लिए अपनी तैयारी कर चुकी है.
मुकेश सहनी के लिए अब महागठबंधन ही विकल्प
रह गई बात अब महागठबंधन की, जिसमें मुकेश सहनी तो हैं लेकिन उनका भविष्य क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी. मुकेश सहनी खुद को डिप्टी सीएम का दावेदार बताते हैं. लेकिन सीट शेयरिंग की बात अभी तक तय नहीं हो सकी है. डिप्टी सीएम पर फैसला तो दूर की बात है.
पिछले चुनाव में 4 विधायक जीते, लेकिन BJP में हो गए शामिल
पिछले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी के साथ मुकेश सहनी की बात बनते-बनते बिगड़ गई. जिसके बाद मुकेश सहनी एनडीए के साथ गए तो उनकी पार्टी से चार विधायक भी जीते, लेकिन बाद में ये चारों भाजपा में शामिल हो गए. इस समय मुकेश सहनी के पास कोई विधायक नहीं है. लेकिन वो महागठबंधन से उप मुख्यमंत्री का दावा ठोक रहे हैं जिसे अभी तक आधिकारिक स्वीकृति नहीं मिली है.
अत्यधिक बारगेन में कहीं खत्म न हो जाए मुकेश सहनी की राजनीति
अगर यही जिद रही तो उनकी एकता टूट सकती है. उनकी आबादी लोकल नेता की ओर ध्यान देने लगेगी. खबर है कि नीतीश भी इस जाति से 3 टिकट दे चुके हैं. फिर ऐसे माहौल में मुकेश सहनी का प्रभाव कम होता जाएगा और अंत में अत्यधिक बारगेन में उनकी स्वयं की राजनीति भी ध्वस्त हो सकती है.
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