बिहार की चुनावी पिच पर उतरी 'MP 75' टीम, मोहन यादव की कप्तानी में टीम ने चौके-छक्कों की झड़ी लगा दी

बिहार चुनाव में मध्यप्रदेश बीजेपी ने धमाकेदार प्रदर्शन किया. चुनावी मुकाबला टी-20 मैच जैसा रहा, जहां एमपी के नेताओं ने गजब के स्ट्राइक रेट से रन बरसाए.

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  • बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को बड़ी जीत मिली है, जिसमें बीजेपी की एमपी टीम को भी श्रेय जा रहा है
  • डॉ. मोहन यादव ने पार्टी की समावेशी नीतियों को बताया, जिसमें सभी वर्गों को साथ लेकर विकास सुनिश्चित किया
  • केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सातों जिम्मेदारी वाली सीटों पर पूर्ण सफलता प्राप्त कर टीम का मनोबल बढ़ाया
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पटना:

मुकाबला रोमांचक था, दांव पर था बिहार का सिंहासन. विधानसभा चुनावों में ऐसा लगा जैसे राजनीति नहीं, बल्कि एक धमाकेदार टी-20 मुकाबला खेला जा रहा हो और मैदान में बल्लेबाज़ी करने उतरी थी मध्य प्रदेश बीजेपी की पूरी टीम. उनका स्ट्राइक रेट ऐसा कि बड़े-बड़े आईपीएल सितारे भी हैरान रह जाएं. बिहार भेजे गए हर नेता की एंट्री में ऐसा रौब था, मानो वे माइक नहीं बल्कि बल्ला थामे क्रीज़ पर उतर रहे हों और जब नतीजों का स्कोरबोर्ड खुला, तो साफ दिखा एमपी की टीम ने बिहार में रन बरसाए हैं.

कठिन पिचों पर एमपी के नेताओं का धमाकेदार स्ट्राइक रेट

स्ट्राइक रेट जिसकी गूंज से पूरा स्टेडियम झूम जाता है. उन्हें मुश्किल पिचों पर भेजा गया जहां यादव-मुस्लिम समीकरण तीखे बाउंसर की तरह सामने खड़े थे. वज़ीरगंज, आलमनगर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी… कई ऐसी पिचें जहां सामान्य बल्लेबाज़ टिक ही न पाए. मगर एक सच्चे पावर-हिटर की तरह डॉ. यादव ने हालात के हिसाब से शॉट चुने, स्पिन को कवर ड्राइव में बदला और तेज़ गेंदों को पुल शॉट से बाउंड्री के बाहर भेज दिया. बिहार के ओबीसी-प्रधान मैदान में, जहां ओबीसी वोटर ऊपरी जातियों से दोगुने हैं, उन्होंने अपनी रणनीति उसी हिसाब से सेट की और नतीजों में एनडीए टीम आराम से मैदान मारती नज़र आई. यादव सरनेम के सवाल पर उन्होंने पहले ही टाइम आउट मांग लिया था.

‘सबका साथ, सबका विकास' पर डॉ. मोहन यादव का बड़ा बयान

डॉ मोहन यादव, ने कहा कि पार्टी शुद्ध रूप से जनता की पार्टी है. समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है और मोदी जी खाली कहते नहीं हैं हमारे माननीय प्रधानमंत्री, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी, हमारी पार्टी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास यह बोलने से नहीं होता, करके दिखाना पड़ता है. हमारी पार्टी ने हम जैसे कार्यकर्ताओं को मौका दिया जिनके परिवार में कोई सांसद, विधायक या राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही. ऐसे में हम जैसे लोगों को मुख्यमंत्री बनाना गर्व की बात है. हमारे जैसे कई राज्यों के मुख्यमंत्री ऐसे हैं जिनके परिवार में राजनीति का कोई इतिहास नहीं है. यह सच्चे अर्थों में जनतांत्रिक पार्टी है, गणतंत्र का सम्मान करने वाला संगठन है.

शिवराज सिंह चौहान का परफेक्ट 100% स्ट्राइक रेट

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हर गेंद को चौके में बदला, जिन्हें सात सीटों का जिम्मा मिला, और सातों पर जीत एकदम परफेक्ट 100% स्ट्राइक रेट. जैसे किसी सुपर ओवर में बल्लेबाज़ एक भी डॉट न खेलने के मूड में हो. चौहान की मौजूदगी ने बीजेपी के कैंप में ऊर्जा भरी और मैदान का पूरा माहौल उनके पक्ष में मोड़ दिया. पूर्व गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र और मौजूदा खेलमंत्री विश्वास सारंग, दोनों के बल्लों से ऐसी आतिशी पारी निकली कि 6 में 6 सीटें सटीक टाइमिंग से जीती गईं. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो से बीजेपी सांसद वीडी शर्मा के पास 19 सीटों का जिम्मा था.

वीडी शर्मा ने पटना-बेगूसराय में दिखाया मास्टरक्लास

उन्होंने 17 जीतकर 89.5% का धमाकेदार स्ट्राइक रेट पेश किया ऐसा प्रदर्शन जिसे कोई भी कोच अपनी टीम में हमेशा रखे. पटना और बेगूसराय जैसे बेहद अहम "चोक पॉइंट" मैदानों पर शर्मा ने लगभग एक महीने तक डेरा डालकर बूथ मैनेजमेंट की फील्डिंग सेट की और महागठबंधन से भी 8 सीटें खींचकर एनडीए के खाते में डाल दीं. इसी तरह एमपी के अन्य खिलाड़ी अरविंद भदौरिया (गोपालगंज), अनिल फिरोज़िया (गया), गजेन्द्र पटेल (खगड़िया), डॉ. केपी यादव (समस्तीपुर) लगातार रन बनाते रहे. इनकी संयुक्त बल्लेबाज़ी ने वैसा ही नज़ारा पेश किया जैसा गुजरात में हुआ था, जहां एमपी के नेताओं ने सीमाई सीटों पर झंडे गाड़े थे.

कांग्रेस की पारी रही फीकी, विपक्ष लय से बाहर

उधर विपक्ष का हाल कमजोर और दूसरे की पिच पर खेलने गई टीम जैसा रहा. कांग्रेस ने मध्यप्रदेश से दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी जैसे दिग्गज भेजे जरूर, लेकिन उनकी पारी में न रन गति दिखी, न बाउंड्री, न कोई बड़ा शॉट. पूरा अभियान लय से बाहर रहा और वे मुकाबले में कहीं टिकते नज़र नहीं आए दोष ईवीएम पर मढ़ा. जबकि दिग्विजय सिंह, ने कहा कि जो शक था सही निकला ये पूरा खेल वोटर लिस्ट और ईवीएम का था. वहीं बीजेपी ने ठोस रणनीति से चुनाव लड़ा.

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मिथिला-तिरहुत में एमपी टीम की रणनीतिक जीत

बिहार को इस चुनावी मुकाबले में पांच ज़ोन में बांटा गया था. सबसे बड़ा ज़ोन मिथिला-तिरहुत जहां मध्यप्रदेश के प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह के नेतृत्व में एमपी की टीम को सौंपा गया था। उनकी टीम में बंशीलाल गुर्जर, अशुतोष तिवारी, शैलेन्द्र बरुआ, अनिल फिरोज़िया, गजेन्द्र पटेल और केपी सिंह यादव जैसे खिलाड़ी शामिल थे. यह सिर्फ प्रचार का खेल नहीं था यह चार महीनों की नेट प्रैक्टिस, पिच रीडिंग, फील्ड सेटिंग और रणनीति का लाजवाब संगम था। 75 से ज्यादा एमपी के नेता एक प्रोफेशनल फ्रैंचाइज़ी की तरह बिहार के मैदान में उतरे, जैसे कोई टीम आईपीएल फाइनल की तैयारी करती है.

एमपी नेताओं ने बिहार की पिच पर रचा जीत का इतिहास

मध्यप्रदेश के बीजेपी खिलाड़ी सिर्फ मैदान में नहीं उतरे उन्होंने बिहार की पिच को पढ़कर, मौके पर शॉट चुनकर और विपक्षी गेंदबाज़ी की कमज़ोरियों को भांपकर, सीट दर सीट बेहतरीन जीतें दर्ज कीं. चुनावी मैदान में यह सिर्फ प्रचार नहीं था यह एक चैंपियन टीम का क्लासिक प्रदर्शन था, जिसने हर ओवर अपने नाम कर लिया.

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