- जीविका दीदी योजना के तहत बिहार की 1.5 करोड़ महिलाओं को 10-10 हजार रुपये का भुगतान किया गया.
- अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने कहा कि यह राशि देने के कारण नहीं बल्कि सरकार के काम पर एनडीए को वोट मिलेंगे.
- वहीं वरिष्ठ पत्रकार संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि ये गेमचेंजर होगा. नीतीश और महिलाओं का नाता पुराना है.
जीविका दीदी योजना के तहत बिहार की 1.5 करोड़ महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की पेमेंट क्या बिहार चुनाव 2025 में गेमचेंजर साबित होगी? ज्यादातर लोग इससे सहमत नजर आते हैं. महागठबंधन में भी इसको लेकर टेंशन है. इसके सबूत के तौर पर लोग कहते हैं कि इसीलिए वोटिंग से महज दो दिन पहले तेजस्वी ने मां-बहिन योजना के तहत महिलाओं को एकमुश्त 30 हजार देने का वादा कर दिया. लेकिन अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला का विचार कुछ और है. देखिए इस विषय पर जब एनडीटीवी के प्रधान संपादक राहुल कंवल ने विशेषज्ञों से बातचीत की तो क्या निकला.
सुरजीत भल्ला, अर्थशास्त्री
''महिलाओं को दस हजार रुपये देने के कारण एनडीए और नीतीश को वोट नहीं मिलेंगे. उन्हें वोट मिलेंगे लेकिन सरकार के काम पर...दूसरी तरफ महागठबंधन है जिनको उनकी पिछली सरकार की नाकामी का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.''
संजीव श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार
''ये गेमचेंजर होगा. नीतीश और महिलाओं का नाता पुराना है. कभी उन्होंने साइकिल और पढ़ाई के लिए पैसे दिए. शराबबंदी के कारण महिलाओं की स्थिति बेहतर हुई. वैसे भी ये अनुदान नहीं निवेश है."
अमिताभ तिवारी, चुनाव विश्लेषक
''10 हजार रुपये देने की योजना का फायदा होगा. असल में ये नीतीश के लिए महिलाओं के सपोर्ट को और पक्का करेगा. अगर कहीं कोई एंटी इनकमबेंसी थी तो ये योजना उसे खत्म कर देगी''
अजीत झा, , वरिष्ठ पत्रकार
''जीविका दीदी के पैसे का वही असर होगा जो किसानों को 6 हजार रुपये देने से हुआ. और वैसे भी सिर्फ एक योजना नहीं है ऐसी कई योजनाएं हैं, जिन्होंने नीतीश राज में महिलाओं को मदद की है. एक सर्वे के अनुसार नीतीश को तेजस्वी के ऊपर महिला वोट के मामले में 32% का फायदा है.''
प्रो. नीरज कौशल, राजनीतिक विश्लेषक
"मैं चाहती हूं कि सुरजीत भल्ला जो बोल रहे हैं वो सही साबित हो. क्योंकि पैसा देने से वोट मिल जाता है, ऐसा मैसेज जाने से नेताओं के बीच पैसा देने की प्रतियोगिता होने लगती है."













