- राजनीतिक विश्लेषक अमिताभ तिवारी ने कहा कि बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर ज्यादा नुकसान अन्य को पहुंचाएंगे.
- साथ ही कहा कि प्रशांत किशोर छोटी पार्टियों, निर्दलीयों को वोट करने वाले मतदाताओं के सीएम चेहरा बनकर उभरे हैं.
- तिवारी ने कहा कि महिला वोटिंग बढ़ना JDU के लिए फायदेमंद है. इसे NDA के लिए फायदेमंद मानना सही नहीं है.
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बंपर वोटिंग ने राजनीतिक दलों को भी चौंका दिया है. इसके बाद से ही हर दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहा है. NDTV के CEO और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने अपने खास शो 'मुकाबला' में जाने-माने पत्रकारों और राजनीतिक विश्लेषकों के साथ बिहार चुनाव पर बात की. इस दौरान VoteVibe के संस्थापक अमिताभ तिवारी ने कहा कि प्रशांत किशोर ज्यादा नुकसान अन्य को पहुंचाएंगे. साथ ही कहा कि प्रशांत किशोर छोटी पार्टियों और निर्दलीयों को वोट करने वाले मतदाताओं के सीएम चेहरा बनकर उभरे हैं.
अमिताभ तिवारी ने कहा कि बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर ज्यादा नुकसान अन्य को पहुंचाएंगे क्योंकि अन्य की संख्या बिहार में हर चुनाव में करीब 20-25 फीसदी रहती है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर अन्य यानी छोटी पार्टियों और निर्दलीयों को वोट करने वाले मतदाताओं के सीएम चेहरा बनकर उभरे हैं, क्योंकि यह लोग एंटी-महागठबंधन और एंटी-एनडीए वोटर हैं या उनके खिलाफ वोट करते थे. उस वोट को प्रशांत किशोर एकीकृत करेंगे.
2020 की तुलना में मतदाताओं की संख्या बढ़ी
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बहुत ही बड़ी गलतफहमी है कि 2020 की तुलना में 2025 में वोटरों की संख्या घटी है. उन्होंने कहा कि 2024 की तुलना में वोटरों की संख्या घटी है, लेकिन 2020 की तुलना में वोटरों की संख्या में करीब छह लाख वोटों का इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि 2020 के दौरान बिहार में 7.36 करोड़ वोटर थे, जो 2025 में बढ़कर 7.42 करोड़ हो गए.
जेडीयू के लिए फायदेमंद महिला वोटिंग बढ़ना
तिवारी ने कहा कि महिलाओं की वोटिंग बढ़ना जेडीयू के लिए फायदेमंद है. इसे एनडीए के लिए फायदेमंद मानना शायद सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जेडीयू की सीटों पर आप अगर देखें तो जेडीयू की 70 से 90 फीसदी स्ट्राइक रेट उन सीटों पर होती है, जिन सीटों पर महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है.













