- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अभी भी मतभेद और चर्चा जारी है
- महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, CPI(ML) और वीआईपी के बीच सीटों के आवंटन को लेकर असहमति बनी हुई है
- एनडीए में जदयू और बीजेपी के बीच लगभग बराबर सीटें बांटी जाएंगी, पर जदयू को एक सीट अधिक मिल सकती है
बिहार में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है, लेकिन पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर अभी तक उठापटक चल रही है. एनडीए हो या महागठबंधन, दोनों की खेमों में ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए पार्टियां हर संभव प्रयास कर रही हैं. सीट बंटवारे को लेकर अपने-अपने सहयोगी दलों के साथ मतभेदों को दूर करने के लिए बुधवार को लंबी बातचीत की और गुरुवार को भी ये दौर जारी रहेगा. एलजेपी के चिराग पासवान ने आज आपात बैठक बुलाई है. हालांकि, वह खुद दिल्ली आ रहे हैं. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहा कि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर किसी भी तरह से कोई तनाव नहीं है. महागठबंधन में सब कुछ ठीक है और सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अगले एक-दो दिनों में सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा हो जाएगी, जिसमें सभी सहयोगी दलों को उचित सम्मान दिया जाएगा. इधर, जनसुराज पार्टी अपने 100 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा आज करेगी.
NDA में सीट शेयरिंग पर कहां फंसा पेच
NDA में सीट शेयरिंग के पेच के इतना स्पष्ट है कि जेडीयू और बीजेपी 102-101 (तीन-चार सीट ऊपर नीचे के फार्मूला पर लड़ेगी, जिसमें जेडीयू की सीट एक ज़्यादा होगी राज्य में बड़े भाई की भूमिका को दर्शाते हुए) ऐसे में अब जेडीयू आलाकमान की तरफ से कई सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के ग्रीन सिग्नल दिया जा चुका है . विश्वस्तर सूत्रों के आधार पर अलग-अलग जिलों के कुल 30 सीटों पर जिन उम्मीदवारों को नीतीश कुमार ने हरि झंडी दिखा दी है. सीएम नीतीश कुमार ने आज सुबह 10:00 बजे बैठक बुलाई है. मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली इस बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर जेडीयू नेताओं के बीच अंतिम मुहर लग सकती है.
एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर 'ऑल इज वेल'!
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं कि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान नाराज हैं. इस पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता राजीव रंजन ने कहा कि सीट शेयरिंग में हर दल की अपनी अपेक्षाएं होती हैं. एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कोई दिक्कत नहीं है और इसमें कोई असमंजस नहीं है. राजीव रंजन ने कहा कि बहुत जल्द सीट बंटवारे की आधिकारिक घोषणा हो जाएगी. यह स्पष्ट है कि किस पार्टी को कितनी और कौन सी सीटें मिलेंगी. बिहार की जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को प्रचंड जनादेश देने को तैयार है. सभी दल नीतीश कुमार को अपना अभिभावक मानते हैं.
एलजेपी ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, कितनी सीट मांग रहे चिराग?
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव और संगठनात्मक रणनीति पर चर्चा के लिए गुरुवार यानी 9 अक्टूबर को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में आपात बैठक (इमरजेंसी मीटिंग) बुलाई है. इस बैठक में पार्टी के चुनाव सह-प्रभारी, सांसद, प्रधान महासचिव, प्रदेश उपाध्यक्ष और सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है. बिहार चुनाव के लिए नियुक्त प्रभारी सांसद अरुण भारती इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे. बैठक सुबह 10 बजे से शुरू होगी, जबकि चिराग पासवान दिल्ली रवाना होने वाले हैं. यह बैठक ऐसे समय पर बुलाई गई है जब एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है. चिराग पासवान को मनाने की कोशिशें जारी हैं. जानकारी के अनुसार, चिराग पासवान 36 से 40 सीटों की मांग कर रहे हैं, जबकि उन्हें 20 से 22 सीटों का प्रस्ताव दिया गया है। बताया जा रहा है कि चिराग अपनी मांग पर अडिग हैं. पिछली विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी एनडीए का हिस्सा नहीं थी. उस समय उन्होंने 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से केवल एक सीट पर ही पार्टी को जीत मिली थी, जबकि 110 सीटों पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी.
जीतन राम मांझी बोले- अपना हक मांग रहा हूं...
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी अधिक सीटों को लेकर दबाव बना रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि एनडीए से कहीं कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन साथ ही यह भी कह दिया कि मैं सिर्फ अपना हक मांग रहा हूं. सीट शेयरिंग को लेकर हम लोग एनडीए के नेताओं से आग्रह कर रहे हैं. जिसके पास एक-दो विधायक हैं, वह खुद को बड़ा मानता है. हम अपमान का घूंट कब तक पीते रहेंगे? उन्होंने कहा कि एनडीए अगर हमें बल देगा तो हम उसे ही मजबूत करेंगे. हम लोग हर वक्त एनडीए के साथ रहते हैं, एनडीए का भी फर्ज बनता है कि हमें अपमानित नहीं होने दें. केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में हमें सात सीटें मिली थीं, जिनमें से चार पर चुनाव जीते थे. आज हम यही कह रहे हैं कि 60 प्रतिशत स्कोरिंग सीट लाएं, तो आठ सीट जीतकर आएं. इसलिए हम 15 सीट मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारी पार्टी मान्यता प्राप्त नहीं होगी, ऐसे में चुनाव लड़ने से क्या फायदा?
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर क्या रार?
महागठबंधन के सूत्रों के अनुसार, लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल लगभग 135-140 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. पार्टी ने कांग्रेस को 50-52 सीटें देने की पेशकश की हैं, जो कांग्रेस की मांग यानी 70 सीटों से कम हैं. साल 2020 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 70 सीट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल 19 सीट जीती थीं. ‘इंडिया' गठबंधन का एक अन्य बड़ा घटक दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन भी उसे दी गई 20-25 सीटों से संतुष्ट नहीं है. पांच साल पहले भाकपा (माले) ने 19 में से 12 सीट जीती थी और इस बार बताया जा रहा है कि वह 40 सीट मांग रही है. ‘इंडिया' गठबंधन में शामिल एक और दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) कम से कम 40 सीटों पर चुनाव लड़ने पर अडिग है. इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पार्टी अपने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे के मुद्दों को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सुलझा लेगी. उन्होंने कहा, 'हम इसे सुलझा रहे हैं...'
वीआईपी के मुकेश सहनी डिप्टी सीएम का पद अड़े
मल्लिकार्जुन खरगे भले ही कह रहे हैं कि वे सबकुछ सुलझा लेंगे, लेकिन आसार कुछ अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के तेवर कड़े नजर आ रहे हैं. उन्हें डिप्टी सीएम का पद चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, मुकेश सहनी चाहते हैं कि जब सीट शेयरिंग का ऐलान हो, उसी वक्त उनका नाम डिप्टी सीएम उम्मीदवार के तौर पर ऐलान किया जाए. लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं है. बुधवार रात तेजस्वी यादव और सहनी के बीच हुई बातचीत में इसी मुद्दे पर सहमति बनाने की कोशिश की गई, लेकिन बात बनती नजर नहीं आ रही है.