NDA की प्रचंड जीत के वो 6 मंत्र, जिससे बिहार में धराशायी हो गया महागठबंधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक जीत पर कहा कि आने वाले समय में हम बिहार के विकास, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर और राज्य की संस्कृति को नई पहचान देने के लिए बढ़-चढ़कर काम करेंगे.

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बिहार चुनाव 2025 में महिलाओं का समर्थन NDA के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ.

साल 2025 बिहार विधानसभा चुनावों में NDA ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है और बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. यह जीत विकास, सुशासन और सामाजिक न्याय पर जनता के भरोसे का परिणाम है. बता दें बिहार में NDA ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 243 सीटों में से 202 में जीत दर्ज की है. वहीं राजद की सीट संख्या 75 से घटकर 25 हो गई है. कांग्रेस ने 61 सीट पर चुनाव लड़ा, जिनमें से उसे केवल 6 सीट पर जीत मिली, जो उसे पिछली बार मिली 19 सीट से काफी कम हैं.

बिहार में NDA की जीत के मुख्य कारण-

मोदी-नीतीश का ‘डबल इंजन'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व ने विकास और ‘सुशासन' को मुख्य मुद्दा बनाया. जनता ने पिछले 10 सालों की कल्याणकारी योजनाओं जैसे गरीब, युवा, किसान और महिलाओं पर फोकस को सराहा. बीजेपी नेता अमित शाह ने कहा कि यह ‘विकसित बिहार' में विश्वास रखने वाले हर बिहारवासी की जीत है.  जंगलराज और तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले किसी भी भेष में आएं, उन्हें लूटने का मौका नहीं मिलेगा. जनता अब सिर्फ और सिर्फ ‘Politics of performance' के आधार पर जनादेश देती है. नरेंद्र मोदी ,नीतीश कुमार और NDA के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूं साथ ही, अपने अथक परिश्रम से इस परिणाम को चरितार्थ करने वाले बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक के सभी कार्यकर्ताओं का अभिवादन करता हूं. मैं बिहार की जनता और विशेषकर हमारी माताओं-बहनों को आश्वस्त करता हूं कि जिस आशा और विश्वास के साथ आपने NDA को यह जनादेश दिया है, मोदी जी के नेतृत्व में NDA सरकार उससे अधिक समर्पण से उसे पूरा करेगी.

महिलाओं और पहली बार वोटरों का मजबूत समर्थन मिला

रिकॉर्ड 66.91% मतदान में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही, जो नीतीश कुमार की महिला-केंद्रित योजनाओं जैसे 50% आरक्षण, साइकिल योजना का नतीजा है. महिलाओं ने ‘ME फैक्टर' महिला + EBC के तहत NDA को वोट दिया, जिससे गठबंधन को 48.3% वोट शेयर मिला. 

जातिगत समीकरण और गठबंधन की मजबूती

NDA ने ऊपरी जातियों , EBC 36% आबादी, कुर्मी, महादलित और पासी दलितों LJP-RV के जरिए एकजुट किया. सीट-शेयरिंग में बीजेपी-JD(U) को 101-101 सीटें मिलीं, जो गठबंधन की परिपक्वता दिखाती है. महा गठबंधन का MY मुस्लिम-यादव समीकरण कमजोर पड़ा, जबकि JSP और AIMIM ने उनके वोट बांटे.

विपक्ष की कमजोरी और वोट फ्रेगमेंटेशन

महागठबंधन का वोट शेयर 2024 लोकसभा 40.1% से घटकर 37.3% रह गया. तेजस्वी यादव की ऊर्जा के बावजूद, कांग्रेस की हार और आंतरिक कलह ने उन्हें नुकसान पहुंचाया. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने एंटी-इनकंबेंसी वोट बांटा। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर विपक्ष के आरोप खारिज हो गए.

युवा बेरोजगारी और पलायन पर NDA का मजबूत जवाब

बेरोजगारी और युवाओं के पलायन को मुद्दा बनाया गया, लेकिन NDA के घोषणापत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के वादे ने भरोसा जीता. चिराग पासवान की LJP(RV) ने 22 सीटों पर मजबूत प्रदर्शन किया, जो दलित वोटों को मजबूत करने में सहायक रहा.

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महिलाओं का एनडीए को भरपूर समर्थन 

बिहार चुनाव 2025 में महिलाओं का समर्थन NDA के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ. कुल मतदान 66.91% रहा, जिसमें महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से 8.82% अधिक रही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक जीत पर कहा कि आने वाले समय में हम बिहार के विकास, यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर और राज्य की संस्कृति को नई पहचान देने के लिए बढ़-चढ़कर काम करेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यहां की युवा शक्ति और नारी शक्ति को समृद्ध जीवन के लिए भरपूर अवसर मिले.

1.महिला सशक्तिकरण योजनाओं का सीधा लाभ

नीतीश कुमार सरकार की योजनाओं ने महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किया. मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना और महिला रोजगार योजना के तहत 1.5 करोड़ महिलाओं को DBT से 10,000 रुपये दिए गए. चुनाव से ठीक पहले 1.21 करोड़ महिलाओं के खाते में यह राशि पहुंची, जो स्वरोजगार और बिना गारंटी 2 लाख तक लोन का माध्यम बनी. जीविका योजना के जरिए 31 लाख ‘लखपति दीदियां' बनीं, जिनकी आय 2020 से दोगुनी हुई. महिलाओं ने इसे ‘ठोस बदलाव' माना, न कि ‘रेवड़ी'.

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2.  शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा का असर -2006 से चल रही साइकिल योजना ने ग्रामीण लड़कियों की स्कूल ड्रॉपआउट रेट 50% से घटाकर 20% कर दिया. मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना ने बाल विवाह रोका और महिलाओं को सामाजिक सम्मान दिया.

3.  शराबबंदी

2016 की शराबबंदी ने महिलाओं को घरेलू हिंसा से मुक्ति दी. इससे पारिवारिक आय पर सकारात्मक असर पड़ा , पैसे शराब पर न खर्च होकर बच्चों की शिक्षा पर खर्च होने लगे.

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कुल मिलाकर बीजेपी के इस ऐतिहासिक जीत के पीछे कई कारण हैं लेकिन महिला और युवाओं ने जो भरोसा दिखाया है उसी की बदौलत बीजेपी 200 के पार का आंकड़ा छू रही है .

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