Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दोनों चरण का मतदान हो चुका है, जिसके बाद अब नतीजों का इंतजार है. आज 14 नवंबर को वोटों की गिनती हो रही है जिसके बाद पता चल जाएगा कि इस बार बिहार की जनता किसे सत्ता की चाबी देती है. इस बार कांग्रेस, आरजेडी, वीआईपी और लेफ्ट एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, जिसे महागठबंधन का नाम दिया गया है. हालांकि सभी सीटों पर ये दोस्ती बरकरार नहीं रह पाई. बिहार की कुल 12 सीटों पर महागठबंधन के ही उम्मीदवार आपस में चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका फायदा एनडीए को मिल सकता है. आइए जानते हैं कि इन सीटों पर किनके बीच टक्कर हो रही है और यहां वोटिंग कितनी हुई.
किन सीटों पर है दोस्ताना लड़ाई?
- वैशाली: कांग्रेस के संजीव सिंह Vs RJD के अजय कुमार कुशवाहा
- बिहार शरीफ: कांग्रेस के उमैर खान Vs सीपीआई के शिव कुमार यादव
- बछवाड़ा: सीपीआई के अवदेश कुमार राय Vs कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीब दास
- राजापाकर: सीपीआई के मोहित पासवान Vs कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी
- बेलदौर: कांग्रेस के मिथिलेश कुमार निषाद Vs IIP की तनीषा भारती
- चैनपुर: VIP के बाल गोविन्द बिंद Vs RJD के ब्रिज किशोर बिंद
- कहलगांव: कांग्रेस के प्रवीण सिंह कुशवाहा Vs RJD के रजनीश भारती
- सुल्तानगंज: RJD के चंदन कुमार Vs कांग्रेस के ललन कुमार
- सिकंदरा: RJD के उदय नारायण Vs कांग्रेस के विनोद कुमार चौधरी
- नरकटियागंज: RJD के दीपक यादव Vs कांग्रेस के शाश्वत केदार
- करगहर: सीपीआई के महेंद्र प्रसाद गुप्ता Vs कांग्रेस के संतोष कुमार मिश्रा
- गौरा बौराम: VIP के संतोष सहनी Vs RJD के अफजल अली खान
चुनाव में रहा कंफ्यूजन
बिहार में विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे थे, ऐसे में सभी एक दूसरे के उम्मीदवारों का समर्थन करते दिखे. हालांकि इन 12 सीटों पर कार्यकर्ता और वोटर भी काफी कंफ्यूज हो गए, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं था कि आखिर किस उम्मीदवार का समर्थन करना और किसे वोट डालना है. कुल मिलाकर इन सीटों पर आपसी कलह ने महागठबंधन का पूरा खेल ही बिगाड़ दिया. एक ही सीट पर ज्यादा दलों की उम्मीदवारी का झगड़ा नहीं सुलझ पाया, जिसके चलते बिहार में ये फ्रेंडली फाइट देखने के लिए मिली.
कुछ सीटों पर बन गई थी बात
महागठबंधन की ये दोस्ताना लड़ाई पहले कई सीटों पर थी, लेकिन नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख तक कुछ नेताओं को मना लिया गया. बाबूबरही सीट पर वीआईपी उम्मीदवार ने नाम वापस लिया, वहीं वारसलीगंज और लालगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया. इसके अलावा प्राणपुर सीट पर भी कांग्रेस उम्मीदवार को मना लिया गया और उसने नाम वापस ले लिया. कुल मिलाकर इन सीटों पर आया संकट किसी तरह टाल दिया गया.
इन सीटों पर वर्चस्व की लड़ाई
जिन तमाम सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं, उनमें से कुछ ऐसी हैं, जहां पर वर्चस्व की लड़ाई है. यहां कांग्रेस उम्मीदवारों ने साफ कहा कि वो चुनाव जीतने का दम रखते हैं, क्योंकि पिछले चुनाव में उन्होंने जीतने वाले उम्मीदवार को कांटे की टक्कर दी थी और दूसरे नंबर पर रहे.
- वैशाली सीट से RJD के अजय कुशवाहा और कांग्रेस के संजीव कुमार के बीच फ्रेंडली फाइट है. यहां पिछले चुनाव में कांग्रेस दूसरे नंबर पर आई थी.
- सुल्तानगंज विधानसभा सीट पर कांग्रेस के ललन यादव की टक्कर RJD के चंदन सिन्हा से हो रही है, लेकिन यहां भी पिछले चुनाव में ललन यादव को दूसरा नंबर मिला था.
- नरकटियागंज में कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडेय और RJD के दीपक यादव में मुकाबला है, इस सीट पर भी कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी.
- सिकंदरा सीट पर RJD के दिग्गज नेता उदय नारायण चौधरी और कांग्रेस के विनोद चौधरी आमने-सामने खड़े हैं. हालांकि पिछली बार कांग्रेस ने ही यहां दूसरा स्थान प्राप्त किया था.
सीपीआई और कांग्रेस का विवाद
बेगूसराय की बछवाड़ा सीट पर पिछले चुनाव में CPI के अवधेश राय महज 484 वोटों से हार गए थे, यही वजह है कि यहां एक बार फिर उनकी बड़ी दावेदारी थी, लेकिन कांग्रेस ने यहां से शिव प्रकाश राय को टिकट दे दिया. माना जा रहा है कि इस सीट का असर बाकी उन तमाम सीटों पर भी पड़ा, जहां कांग्रेस और सीपीआई उम्मीदवार आमने सामने हैं. सीपीआई ने जानबूझकर कांग्रेस के खिलाफ यहां उम्मीदवार उतार दिए.














