- बिहार विधानसभा चुनाव के तिरहुत प्रमंडल की 49 सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर है
- तिरहुत प्रमंडल में छह जिले शामिल हैं जिनमें पूर्वी चंपारण सबसे ज्यादा 12 विधानसभा सीटें हैं
- 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने तिरहुत की 49 सीटों में से 33 सीटें जीती थीं
बिहार की 243 सीटों में से तिरहुत रीजन की बात करें रुझानों में एनडीए की आंधी दिख रही है. एनडीए 43 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जो पिछली बार के मुकाबले 12 ज्यादा है. वहीं महागठबंधन महज 6 सीटों पर ठिठक गया है. मगध के साथ तिरहुत प्रमंडल में बीजेपी और जेडीयू की आंधी दिख रही है. 12.30 बजे तक के रुझानों के हिसाब से बीजेपी-जेडीयू की अगुवाई वाले एनडीए 194 सीटों पर आगे है. इसमें बीजेपी 88 और जेडीयू 79 सीटों पर आगे है. चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास भी 21 सीटों पर आगे है. महागठबंधन सिर्फ 44 सीटों पर ठिठकती दिख रही है.
तिरहुत प्रमंडल में कुल छह जिले शामिल हैं पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली और शिवहर. इनमें सबसे ज्यादा 12 विधानसभा सीटें पूर्वी चंपारण जिले में हैं. मुजफ्फरपुर में 11, पश्चिमी चंपारण में नौ, वैशाली और सीतामढ़ी में आठ-आठ, जबकि शिवहर में सिर्फ एक विधानसभा सीट आती है. इन जिलों के मतदाताओं का झुकाव राज्य की सत्ता की दिशा तय करने में हमेशा से निर्णायक रहा है.
पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 में तिरहुत प्रमंडल में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था. एनडीए गठबंधन ने इस प्रमंडल की 49 में से 33 सीटों पर कब्जा जमाया था. इनमें अकेले भाजपा को 25 सीटें मिली थीं, जबकि जदयू को छह और वीआईपी को दो सीटें हासिल हुई थीं. दूसरी ओर, महागठबंधन को केवल 16 सीटें मिलीं जिनमें राजद ने 13, कांग्रेस ने दो और भाकपा (माले) ने एक सीट जीती थी.
इस बार मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. एनडीए जहां पिछली सफलता दोहराने की कोशिश में है, वहीं महागठबंधन इस इलाके में अपनी पुरानी पकड़ फिर से हासिल करने की जद्दोजहद में जुटा है. पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में कुछ सीटों पर बेहद करीबी मुकाबला बताया जा रहा है. शुरुआती रुझानों में कई सीटों पर मतगणना के शुरुआती चरणों में बढ़त और पिछड़ने का सिलसिला लगातार बदल रहा है.
स्थानीय राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो तिरहुत का यह इलाका हमेशा से जातीय और सामाजिक संतुलन के हिसाब से अहम रहा है. यहीं से राज्य की सत्ता परिवर्तन की हवा कई बार उठी है. भाजपा और राजद दोनों के लिए यह इलाका प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है. मतगणना के अंतिम नतीजों पर सबकी निगाहें टिकी हैं, क्योंकि जो भी दल इस प्रमंडल में बढ़त बनाएगा, बिहार की सत्ता तक उसकी राह कुछ हद तक आसान हो जाएगी.
| सीट | आगे | पीछे |
| मोतिहारी | बीजेपी | आरजेडी |
| चकिया (सुरक्षित) | जेडीयू | आरजेडी |
| ढाका | बीजेपी | आरजेडी |
| केसरिया | जेडीयू | वीआईपी |
| कल्याणपुर (सुरक्षित) | जेडीयू | सीपीआईएमएल |
| पिपरा | BJP | CPM |
| गोविंदगंज | ||
| रक्सौल | ||
| सुगौली | ||
| हरसिद्धि (सुरक्षित) | ||
| तुरकौलिया | ||
| चिरैया | ||
| बेतिया | ||
| नरकटियागंज | ||
| सिकटा | ||
| रामनगर (सुरक्षित) | ||
| बैरिया | ||
| लौरिया (सुरक्षित) | ||
| मझौलिया | ||
| वाल्मीकिनगर | ||
| गोपालपुर | ||
| मुजफ्फरपुर | ||
| मीनापुर | ||
| बोचहां (सुरक्षित) | ||
| पारू | ||
| सरैया | ||
| कुढ़नी | ||
| सकरा | ||
| औराई | ||
| कांटी | ||
| गायघाट | ||
| बरूराज | ||
| सीतामढ़ी | ||
| रीगा | ||
| बथनाहा (सुरक्षित) | ||
| परिहार | ||
| रुणनीसैनी | ||
| बाजपट्टी | ||
| सुरसंड | ||
| हर्सीद्धि | ||
| शिवहर |














