मोकामा के दुलारचंद यादव की हत्या से सियासत में उबाल, पढ़ें घटना वाले दिन आखिर हुआ क्या-क्या था

मोकामा में हुए इस हत्याकांड के बाद से ही अनंत सिंह और सूरजभान सिंह गिरोह के बीच की दुश्मनी एक बार फिर सामने आती दिख रही है. पुलिस फिलहाल इस हत्याकांड की जांच कर रही है.

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पटना:

मोकामा विधानसभा क्षेत्र बीते दो दिनों से सुर्खियों में है. इसकी सबसे बड़ी वजह है दुलारचंद यादव की हत्या. दुलारचंद यादव बाहुबली होने के साथ-साथ जनसुराज पार्टी के समर्थक भी थे. गुरुवार को तारतार-बसावनचक इलाके में चुनावी प्रचार के दौरान दुलारचंद पर हमला हुआ. गवाह के मुताबिक, झड़प के दौरान पहले गोली चली और फिर उन्हें गाड़ी से कुचल दिया गया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की है और अनंत सिंह के समर्थकों पर हत्या का आरोप लगाया गया है.

दुलारचंद यादव की पहचान मोकामा-टाल क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता के रूप में रही है. वे पहले राजद (RJD) से जुड़े थे और लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते थे. बाद में उन्होंने जन सुराज पार्टी का साथ लिया और पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे. मोकामा की राजनीति में बाहुबल और प्रभाव का गहरा मेल रहा है, जिसमें दुलारचंद भी एक अहम चेहरा बनकर उभरे थे.

दुलारचंद यादव की हत्या ने चुनावी माहौल को गरमा दिया है. इस हत्याकांड के बाद अब पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, जबकि प्रशासन ने क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया है. यह घटना बिहार की राजनीति में पुराने दुश्मनी और बाहुबली प्रभाव की याद फिर से ताजा कर गई है.

आखिर उस दिन क्या क्या हुआ था, यहां पढ़ें विस्तार से

सुबह 10:00 बजे – प्रचार अभियान की शुरुआत

दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी प्रियदर्शी पीयूष के साथ मोकामा क्षेत्र में प्रचार करने निकले.काफिले में कई कार्यकर्ता और गाड़ियाँ थीं। यह दौरा तरतर (या तारतर) गांव की ओर था.

दोपहर 12:30 बजे – दूसरे गुट से आमना-सामना

काफिला जब गांव के बीच पहुंचा, तो कथित तौर पर अनंत सिंह समर्थकों से झड़प हो गई.पहले नारेबाज़ी हुई, फिर बहस, और स्थिति बिगड़ गई.

लगभग 1:00 बजे – झड़प ने लिया हिंसक रूप

दोनों पक्षों के बीच लाठी-डंडे चलने लगे और माहौल बेकाबू हो गया.गवाहों के अनुसार, दुलारचंद को गोली मारी गई .कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि पहले पैर में,फिर सिर व शरीर पर वार किया गया. 

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दोपहर 1:10 – 1:15 बजे – गाड़ी से कुचलने की घटना

जब वे ज़मीन पर गिर चुके थे, तभी भीड़ में से एक वाहन उन पर चढ़ गया.

दोपहर 1:30 से 4:00 बजे तक – इलाके में तनाव और शव हटाने में देरी

घटना के बाद माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया. ग्रामीणों और समर्थकों ने शव उठाने से इनकार किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की. इस दौरान पुलिस को घटनास्थल पर पहुँचने में लगभग 2–3 घंटे लग गए.

शाम 4:30 बजे – पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची

मौके से गोलियों के खोखे, लाठी-डंडे, और वाहन के टायर-निशान बरामद किए गए.शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, और FIR दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हुई.

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शाम 6:00 से 8:00 बजे – खबर वायरल और सियासी बयानबाज़ी शुरू

घटना के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर फैल गए. जन सुराज पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि यह राजनीतिक हत्या है, इसके पीछे अनंत सिंह का गिरोह है. 

रात 9:00 बजे – पुलिस की प्रेस ब्रीफिंग

पटना IG रेंज के अधिकारियों ने बताया कि यह राजनीतिक रंजिश का मामला लगता है, जांच जारी है. अब तक किसी की औपचारिक गिरफ्तारी नहीं हुई थी, लेकिन कई संदिग्धों से पूछताछ चल रही थी.

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