राज्य सरकार के मंत्री व स्थानीय विधायक डॉ. सुनील कुमार द्वारा नामांकन में दिए गए हलफनामे के अनुसार 5 साल में उनकी चल संपत्ति में करीब दोगुना का इजाफा हुआ. 2020 में उन्होंने सकल संपत्ति 3 करोड़ 10 लाख 60 हजार 871 रुपया घोषित किया था। जबकि, 2025 में 6 करोड़ 41 लाख 42 हजार 548 रुपए घोषित की है. पत्नी व परिजन की संपत्ति में भी करीब दोगुना का इजाफा हुआ है. 2020 में पत्नी व परिजनों की चल संपत्ति 1 करोड़ 29 लाख 96 हजार 889 रुपए थी. जबकि, इस बार के हलफनामे के अनुसार यह बढ़कर 9 करोड़ 12 लाख 535 रुपए हो गए हैं.
कैश इन हैंड में बढ़ोतरी, आभूषण भी खरीदा
2020 की तुलना में कैश इन हैंड में बढ़ोतरी हुई है. 2020 में कैश इन हैंड 13 लाख 7 हजार 48 रुपया था. जो 2025 में बढ़कर 20 लाख 89 हजार 727 रुपए हो गए. हालांकि, परिजन की कैश इन हैंड में कमी हुई है. 2020 में 17 लाख 83 हजार 764 रुपया था. 2025 में 5,6,498 रुपया कैश इन हैंड है. 2025-26 में 2434308 रुपए आयकर विवरणी फाइल की है. 2020-21 में 2550450 रुपए घोषित की थी. 2020 में इनके पास कोई आभूषण नहीं था. लेकिन इस बार इन्होंने करीब 400 ग्राम आभूषण की घोषणा की है. जो इन्हें पैतृक संपत्ति के रूप में मिली है. इसका बाजार मूल्य 216800 रुपया है.
अचल संपत्ति में कोई वृद्धि नहीं
अचल संपत्ति में कोई वृद्धि नहीं हुई है. 2020 में भी 5 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी. इस बार भी 5 करोड़ की संपत्ति घोषित हुई है. हालांकि, परिजन की संपत्ति बढ़ी है. पिछली बार 1 करोड़ 95 लाख की संपत्ति घोषित की थी. जो इस बार बढ़कर 3 करोड़ हो गई है. काेलकाता और मुम्बई में भी अचल संपत्ति है. इन पर 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं.नाजायज मजमा बनाकर शांति भंग करना, अनधिकृत रूप से विवादित जमीन पर मूर्ति रखकर कब्जा करना, अमानत में खयामत जैसे आरोप हैं.
दल बदलकर किस पार्टी से आए हैं
2 बार निर्दलीय चुनाव लड़े जो हर गए जिसके बाद जदयू के हाथ थाम जदयू से 3 बार विधायक रहे जिसके बाद बीजेपी में चले गए. और दो बार से बिलेपि से विधायक बने जिन्हें उस बार बिहार सरकार में वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री बनाया गया था. जबकि बिहार विधान सभा के कांग्रेस प्रत्यासी पर 7 केश और सीपीआई के शिवकुमार यादव पर 3 केश दर्ज है.
बिहारशरीफ विधानसभा चुनाव बड़ा दिलचस्प होने बाला है एक तरफ एनडीए के बीजेपी से डॉ. सुनील कुमार हैं तो दूसरी तरफ महागठबंधन के दो प्रत्यासी कांग्रेस के उमैर खान तथा सीपीआई से शिवकुमार यादव प्रत्यासी है अब दोनों महागठबंधन के प्रत्यासी महागठबंधन के मार्गदर्शन का इंतज़ार कर अपना अपना प्रचार प्रसार में लगे हैं. ऐसे में बीजेपी के डॉ सुनील की जीत आसान नज़र आ रही है पर यदि महागठबंधन से कोई एक प्रत्यासी दूसरे को समर्थन दे देता हैं, तो चुनाव के नतीजे दिलचस्प नज़र आएंगे, अब देखना ये होगा कि आने बाले समय मे क्या समीकरण बनती है.