मां, मोदी और मंदिर... बीजेपी ने बिहार में जीत के लिए तैयार किया ब्लूप्रिंट!

पार्टी मानती है कि नरेंद्र मोदी का चेहरा ही इस चुनाव में सबसे बड़ा ब्रांड है. प्रधानमंत्री के चेहरे को “डबल इंजन सरकार” और केंद्र की योजनाओं के साथ जोड़ा जाएगा और उसकी विश्वसनीयता दिखाएगी.

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  • BJP ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 225 सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनावी रणनीति बनाई है
  • पार्टी का अभियान "मां, मोदी और मंदिर" के भावनात्मक और सांस्कृतिक पक्ष पर आधारित होगा
  • अमित शाह के निर्देशानुसार प्रत्येक कार्यकर्ता विधानसभा क्षेत्रों में जाकर लोगों से संवाद और बैठकें करेगा
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नई दिल्ली:

बिहार चुनाव 2025 के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने लिए एक स्पष्ट और आक्रामक चुनावी ब्लूप्रिंट तैयार किया है. पार्टी का लक्ष्य इस बार 225 सीटों पर विजय सुनिश्चित करना है. इसके लिए पार्टी ने “225 सीट,  225 राउंड जनसंपर्क” का नारा गढ़ा है. इस ब्लूप्रिंट में “मां, मोदी और मंदिर” को केंद्र में रखा गया है. यानी भावनात्मक जुड़ाव, मोदी की लोकप्रियता और हिंदुत्व की सांस्कृतिक राजनीति को एक साथ साधने की कोशिश की जा रही है. यह मंत्र गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी नेताओं को तब दिया, जब वो दो पटना दौरे पर आए थे.

घर-घर पहुंचेंगे बीजेपी कार्यकर्ता

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि पार्टी का फोकस प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक चरणबद्ध जनसंपर्क अभियान चलाने पर है. प्रत्येक सीट पर कार्यकर्ता घर-घर जाकर संपर्क करेंगे. चूंकि इस बार जीत का लक्ष्य 225 सीटों का है, इसलिए सभी कार्यकर्ताओं को ये निर्देश दिया गया है कि वो 225 बार उस विधानसभा में जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे. साथ ही वो वार्ड और पंचायत स्तर पर बैठकें करेंगे और ग्रामीण इलाकों में छोटे-छोटे सम्मेलन करेंगे.

डिजिटल कैंपेन पर रहेगा खास फोकस

सोशल मीडिया और डिजिटल प्रचार पर भी खासा ज़ोर दिया जाएगा. शहरी युवाओं को टारगेट करने के लिए डिजिटल कैंपेन चलाया जाएगा. बीजेपी इस बार पूरे राज्य को “फुल कवरेज” की तरह देख रही है, यानी कोई सीट छोड़ी नहीं जाएगी. ये पूरी तैयारी ‘मां, मोदी और मंदिर'  को केंद्र में रखकर की जाएगी. इस रणनीति का भावनात्मक और सांस्कृतिक पक्ष बेहद अहम है. मां यानी की महिलाओं के लिए योजनाओं (उज्ज्वला, महिला रोजगार योजना, जनधन खाते, पीएम आवास योजना) को “मां-बहन” से जोड़कर पेश किया जाएगा. कार्यकर्ता “मां के आशीर्वाद से मोदी” जैसे नारे लेकर घर-घर पहुंचेंगे.

पीएम मोदी चुनाव का सबसे बड़ा चेहरा

इस चुनाव में भी बीजेपी मोदी के चेहरे को केंद्र में रखेगी. पार्टी मानती है कि नरेंद्र मोदी का चेहरा ही इस चुनाव में सबसे बड़ा ब्रांड है. प्रधानमंत्री के चेहरे को “डबल इंजन सरकार” और केंद्र की योजनाओं के साथ जोड़ा जाएगा और उसकी विश्वसनीयता दिखाएगी. मोदी रैलियां और वर्चुअल सभाएं वोटरों को निर्णायक रूप से प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं, ऐसा पार्टी के नेताओं का मानना है. मंदिर इस चुनाव में भी मुद्दा होगा. राम मंदिर और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को भावनात्मक मुद्दे के रूप में पेश किया जाएगा.

धार्मिक आस्था भी अहम मुद्दा

बिहार में छोटे-छोटे मंदिरों और धार्मिक आयोजनों को भी राजनीतिक संदेश के साथ जोड़ा जा रहा है. धार्मिक आस्था यानी की बीजेपी ने नारे को बुलंद करना भी एक लक्ष्य होगा. बीजेपी का संगठनात्मक नेटवर्क इस ब्लूप्रिंट की रीढ़ है. सभी प्रमुख को हर वोटर तक पहुंचने के लिए ज़िमेदारी दी गई है. महिलाओं और युवाओं को अलग-अलग टारगेट किया जाएगा. इस पूरे कार्यक्रम में जातीय समीकरण का ध्यान रखा जाएगा, यानी की राजपूत, ब्राह्मण, बनिया, पिछड़े और दलित वोटरों के बीच अलग-अलग रणनीति होगी. 

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