बिहार चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है वैसे-वैसे चुनावी सरगर्मी बढ़ने लगी है. सभी राजनीतिक दल महिला मतदाताओं को लुभाने में जुटे हैं, लेकिन महिला उम्मीदवारों को टिकट देने में पीछे रह गए हैं. इस बार कुल 258 महिलाएं चुनाव मैदान में हैं, जबकि 2,357 पुरुष उम्मीदवार मैदान में उतर रहे हैं. चुनाव में अब सिर्फ 15 दिन बचे हैं, और महिला मतदाता खासकर एनडीए के लिए अहम माने जा रहे हैं. राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की है. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 1.25 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में ₹10,000 की राशि भेजी गई है. हर घर को अब 125 यूनिट मुफ्त बिजली मिल रही है, जबकि सामाजिक सुरक्षा पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 कर दी गई है, जिससे 1.12 करोड़ परिवारों को लाभ मिला है.
आंकड़े बताते हैं कि अधिकांश दलों में महिला प्रतिनिधित्व में गिरावट का रुझान है. जदयू ने 2020 में 22 महिला उम्मीदवारों के साथ चरम पर पहुंचकर इस बार गिरावट दर्ज की है. वहीं, राजद ने लगातार सुधार दिखाया है 2015 में 9 महिला उम्मीदवारों से बढ़कर 2025 में 23 तक पहुंच गई. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने इस बार सबसे अधिक 25 महिला उम्मीदवारों को टिकट देकर दमदार एंट्री की है. भाजपा ने पिछले तीनों चुनावों में लगभग समान स्तर बनाए रखा, जबकि सीपीआई(एमएल) ने 2015 के बाद बड़ी गिरावट दर्ज की है. कांग्रेस का रुझान भी लगातार नीचे जा रहा है. 2020 विधानसभा चुनाव में भाजपा की महिला उम्मीदवारों की 69% सफलता दर रही 13 में से 9 ने जीत दर्ज की. इसके बाद राजद की 44%, कांग्रेस की 29%, और जदयू की 27% सफलता दर रही.














