- सीमांचल के पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज में 24 विधानसभा सीटों के लिए 249 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं
- पूर्णिया जिले की धमदाहा सीट पर जेडीयू की मंत्री लेशी सिंह और राजद के संतोष कुशवाहा के बीच कड़ी टक्कर है
- कटिहार की सदर सीट पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और वीआईपी के सौरव अग्रवाल के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई
सीमांचल में चुनावी प्रचार का शोर थम चुका है और प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने की बारी मतदाताओं के उंगली के नीचे है. सीमांचल के पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगज के 71.97 लाख मतदाता 249 प्रत्याशियों की भाग्य-गाथा 11 नवम्बर को लिखेंगे और इस इलाके के 24 सीटों का फैसला 14 नवम्बर को हो जाएगा. सीमांचल में मुसलमान और हिन्दू दोनों समुदाय के भोजन की एक खास डिश 'पंता -भात' काफी मशहूर है. इसका मतलब पानी औऱ भात (चावल) होता है.
चावल को पानी मे डालकर उसके साथ नमक, प्याज और मिर्च को खाने की परंपरा रही है. वहीं, बात करें हैदराबादी बिरयानी की तो यह 'आधुनकि डिश' है और सीमांचल के लोग अब इससे भी वाकिफ हैं. 'पंता-भात' का राजनीतिक निहितार्थ यह है कि क्या इस विधानसभा चुनाव में इस इलाके में परंपरागत रूप से बढ़त बनाने वाली एनडीए और महागठबन्धन ही आगे रहेगी या वर्ष 2020 के चुनाव की तरह इस इलाके के लोग हैदराबादी बिरयानी को अपने मेन्यू में शामिल कर राजनीतिक स्वाद बदलने का काम करेंगे. यह सवाल इसलिए भी लाजिमी है कि बीते विधानसभा चुनाव में सीमांचल की 24 सीटों में से भाजपा ने 08, जेडीयू ने 04, कांग्रेस ने 05, एआईएमआईएम ने 05 और भाकपा माले ने 01 सीट पर जीत दर्ज की थी. आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहा है कि डगर किसी के लिए भी आसान नही है.
पूर्णिया में धमदाहा बनी है हॉट सीट
सीमांचल के हार्टलैंड पूर्णिया में कुल 07 विधानसभा सीट हैं. इसमे से 02 भाजपा, 01जेडीयू, कांग्रेस 01, राजद 01, एआईएमआईएम 01 और 01 निर्दलीय का कब्जा है. इस जिले का धमदाहा हॉट सीट है जहां बिहार सरकार की मंत्री जेडीयू की लेशी सिंह और पूर्व सांसद राजद प्रत्याशी संतोष कुशवाहा के बीच सीधा मुकाबला है. अमौर सीट पर एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष मो. अख्तरुल ईमान कांग्रेस के मो. जलील मस्तान और जेडीयू के सबा जफर से सीट बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं. जबकि बायसी में राजद के हाजी सुब्हान, भाजपा के विनोद कुमार और एआईएमआईएम के गुलाम सरवर के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. कसबा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मो. इरफान आलम अपने पार्टी के बागी विधायक मो. आफाक आलम और लोजपा के नितेश सिंह भाजपा के बागी प्रदीप दास और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के बागी प्रत्याशी राजेन्द्र यादव से बुरी तरह से घिरे हुए हैं. पूर्णिया सदर में भाजपा विधायक विजय खेमका को कांग्रेस के जितेंद्र कुमार कड़ी टक्कर दे रहे हैं. बनमनखी में कांग्रेस के देवनारायण रजक और भाजपा विधायक कृष्ण कुमार ऋषि के बीच मुकाबला है. यहां जनसुराज के मनोज ऋषि भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं. जबकि रुपौली में राजद की बीमा भारती, जेडीयू के कलाधर मण्डल, जनसुराज के आमोद कुमार और निर्दलीय विधायक शंकर सिंह के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला है.
कटिहार में दांव पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की प्रतिष्ठा
कटिहार में कुल 07 विधानसभा सीट हैं जिसमे बहरहाल 03 भाजपा, कांग्रेस 02, जेडीयू 01, माले 01 सीट पर काबिज है. यहां सबसे चर्चित सीट कटिहार सदर है, जहां पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद वीआईपी के युवा चेहरे सौरव अग्रवाल से अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. कोढ़ा में भाजपा विधायक कविता पासवान का कांग्रेस की पूनम पासवान से जबरदस्त मुकाबला है. बरारी सीट पर जेडीयू विधायक विजय सिंह और कांग्रेस के तौकीर आलम के बीच कांटे की टक्कर है. वहीं, मनिहारी(सु) सीट पर कांग्रेस विधायक मनोहर प्रसाद और जेडीयू के शंभु सुमन के बीच मुकाबला है. कदवा सीट पर कांग्रेस विधायक डॉ. शकील अहमद खान और पूर्व सांसद जेडीयू प्रत्याशी दुलालचंद गोस्वामी के बीच दिलचस्प मुकाबला है. प्राणपुर सीट पर भाजपा विधायक निशा सिंह और राजद की इशरत परवीन के बीच रोचक मुकाबला है. यहां एआईएमआईएम के आफताब आलम राजद का खेल खराब कर सकते हैं. बलरामपुर में माले के महबूब आलम और लोजपा की संगीता देवी के बीच मुकाबला है और एआईएमआईएम के आदिल हसन त्रिकोण का तीसरा कोण बनने के प्रयास में जुटे हुए हैं.
अररिया में मो. तस्लीमुद्दीन की विरासत के लिए दो भाइयों के बीच जंग
अररिया के कुल छह विधानसभा क्षेत्र में से फिलहाल 03 भाजपा और जेडीयू, कांग्रेस तथा एआईएमआईएम के कब्जे में 01-01 सीट है. यहां सबसे चर्चित सीट जोकीहाट है जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री मरहूम तसलीमउद्दीन के दो बेटे मो. सरफराज आलम और मो. शाहनवाज आलम के बीच विरासत की जंग छिड़ी है. मो. सरफराज जनसुराज के उम्मीदवार के रूप में राजद विधायक अपने भाई मो. शाहनवाज आलम को चुनौती दे रहे हैं. यहां जेडीयू के मंजर आलम और एआईएमआईएम के मुर्शीद आलम मुकाबले को चतुष्कोणीय बना रहे हैं. फारबिसगंज सीट पर भाजपा के विद्यासागर केसरी और कांग्रेस के मनोज केसरी के बीच मुकाबला है. सिकटी में बिहार सरकार के मंत्री भाजपा के विजय कुमार मण्डल और वीआईपी के हरिनारायण प्रमाणिक के बीच टक्कर है. अररिया सीट पर कांग्रेस विधायक आबिदुर रहमान और जेडीयू की शगुप्ता अजीम के बीच मुकाबला है. यहां निर्दलीय बहुचर्चित पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. रानीगंज में जेडीयू विधायक अचमित ऋषि और राजद के अविनाश मंगलम के बीच सीधी टक्कर है. नरपतगंज में भाजपा के देवयन्ति देवी और राजद के मनीष यादव के बीच मुकाबला है. हालांकि,जनसुराज के जनार्दन यादव और निर्दलीय डॉ अखिलेश बड़े उलटफेर के कारण बन सकते हैं.
किशनगंज में होगी एआईएमआईएम की अग्निपरीक्षा
किशनगंज में कुल 04 विधानसभा सीट है जिसमे से बहरहाल 03 राजद और 01 कांग्रेस के कब्जे में है. इसमे 02 सीट बहादुरगंज और कोचाधामन पर वर्ष 2020 में एआईएमआईएम ने जीत दर्ज किया था लेकिन दोनों विधायक राजद में शामिल हो गए थे. किशनगज में एआईएमआईएम की अग्निपरीक्षा होनी तय है क्योंकि यह एआईएमआईएम की राजनीतिक प्रयोगशाला रही है. जिसने अधिकांश सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय बना दिया है. किशनगंज सदर सीट पर कांग्रेस के कमरुल होदा, एआईएमआईएम के शम्स आगाज और भाजपा की स्वीटी सिंह के बीच मुकाबला है. ठाकुरगंज में राजद के शउद आलम, एआईएमआईएम के गुलाम हसनैन और जेडीयू के गोपाल अग्रवाल के बीच दिलचस्प मुकाबला है. बहादुरगंज में कांग्रेस के मुसब्बिर आलम और एआईएमआईएम के तौसीफ आलम के बीच कड़ी टक्कर है. वहीं लोजपा के मो कलीमुद्दीन मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हुए हैं. कोचाधामन में राजद के मास्टर मुजाहिद आलम,एआईएमआईएम के सरवर आलम और भाजपा की वीणा देवी के बीच दिलचस्प मुकाबला है.














