बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में खगड़िया जिले की परबत्ता सीट (Parbatta Assembly Seat) पर जेडीयू से पाला बदलकर आरजेडी प्रत्याशी बने निवर्तमान विधायक डॉ. संजीव कुमार जीत का स्वाद नहीं चख सके. उन्हें एलजेपी (रामविलास) के उम्मीदवार बाबूलाल शौर्य ने 34 हजार से अधिक वोटों से जोरदार शिकस्त दी है. परबत्ता में हुई 67.76 फीसदी वोटिंग ने भी उन्हें फायदा पहुंचाया है.
परबत्ता सीट पर 2020 और 2010 में हार जीत का अंतर एक हजार से कम वोटों का रहा था. ऐसे में यहां कांटे की टक्कर होने के आसार थे. लेकिन बाबूलाल ने एनडीए की लहर में यहां जीत का परचम फहरा दिया. यहां पर यादव, कुशवाहा और अन्य पिछड़े वर्ग के वोटों के बावजूद RJD यहां जीत दर्ज करने में नाकाम रही.
| प्रत्याशी | पार्टी | वोट मिले |
| बाबूलाल शौर्य | एलजेपी (रामविलास) | 118677 |
| डॉ. संजीव कुमार | आरजेडी | 84638 |
| विनय कुमार वरुण | जन सुराज | 3196 |
| नरेश प्रसा सिंह | राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी | 2224 |
| नोटा | - | 4543 |
परबत्ता सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीट है. खगड़िया जिले में कुल चार विधानसभा सीटें आती हैं- अलौली, खगड़िया, बेलदौर और परबत्ता. खगड़िया लोकसभा सीट भी है, जिसमें खगड़िया जिले चार सीटों के अलावा सिमरी बख्तियारपुर और हसनपुर भी शामिल हैं. 1951-52 में जब पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे, तब से परबत्ता सीट का अस्तित्व है. पिछले कुछ चुनावों से परबत्ता सीट पर राजद/कांग्रेस और जेडीयू का मुकाबला रहा है.
पिछले चुनावों की हार-जीत
2020 में परबत्ता सीट पर JDU के डॉ. संजीव कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के दिगंबर प्रसाद तिवारी को महज 951 वोटों के बेहद करीबी अंतर से हराकर जीती थी.
2015 के चुनाव में जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह ने भाजपा के रामानुज चौधरी को 28,924 वोट से हराया था.
2010 के विधानसभा चुनाव में सम्राट चौधरी यानी राकेश कुमार ने जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह को महज 808 वोटों से हराया था.
2024 के लोकसभा चुनाव में परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में एनडीए उम्मीदवार (लोजपा-रामविलास) ने विपक्षी महागठबंधन (राजद) के उम्मीदवार पर अच्छी बढ़त हासिल की थी.
क्या खास मुद्दे रहे?
यह इलाका कृषि प्रधान है और यहां की राजनीति पर कोसी के तटीय क्षेत्र का प्रभाव दिखाई देता है.
- कोसी और गंगा नदी की बाढ़ और खासकर मॉनसून के दौरान कटाव की समस्या यहां का सबसे बड़ा मुद्दा है.
- किसानों के लिए सिंचाई सुविधाएं, खाद की उपलब्धता और उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करना प्रमुख मांगें हैं.
- युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसरों की कमी के कारण पलायन एक गंभीर मुद्दा है.
- ग्रामीण इलाकों की सड़कों में सुधार और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना भी एजेंडा रहता है.
वोटों का गणित
चुनाव आयोग द्वारा 30 सितंबर 2025 को जारी अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 2.85 लाख है. इसमें लगभग 1.51 लाख पुरुष मतदाता और 1.34 लाख महिला मतदाता हैं. 2020 के बाद इस सीट पर मतदाताओं की संख्या में लगभग 9 हजार का इजाफा हुआ है. सामाजिक समीकरणों के लिहाज से कुशवाहा और यादव मतदाताओं की संख्या निर्णायक है. राजपूत, भूमिहार, मुस्लिम लगभग 8-10% हैं. अति पिछड़ा वर्ग (EBC) भी परिणामों को प्रभावित करते रहे हैं.














