परबत्ता विधानसभा सीट: JDU और RJD की जंग का मैदान, इस बार कौन मारेगा बाजी?

परबत्ता विधानसभा सीट पर 2020 और 2010 में हार जीत का अंतर एक हजार से कम वोटों का रहा था. ऐसे में यहां कांटे की टक्कर हो सकती है.

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में परबत्ता सीट (Parbatta Assembly Seat) खगड़िया जिले में है. यह सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीट है. खगड़िया जिले में कुल चार विधानसभा सीटें आती हैं- अलौली, खगड़िया, बेलदौर और परबत्ता. खगड़िया लोकसभा सीट भी है, जिसमें खगड़िया जिले चार सीटों के अलावा सिमरी बख्तियारपुर और हसनपुर भी शामिल हैं.  1951-52 में जब पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे, तब से परबत्ता सीट का अस्तित्व है. पिछले कुछ चुनावों से परबत्ता सीट पर राजद/कांग्रेस और जेडीयू का मुकाबला रहा है.

इस बार क्या खास मुद्दे हैं?

यह इलाका कृषि प्रधान है और यहां की राजनीति पर कोसी के तटीय क्षेत्र का प्रभाव दिखाई देता है.

  • कोसी और गंगा नदी की बाढ़ और खासकर मॉनसून के दौरान कटाव की समस्या यहां का सबसे बड़ा मुद्दा है.
  • किसानों के लिए सिंचाई सुविधाएं, खाद की उपलब्धता और उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करना प्रमुख मांगें हैं.
  • युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसरों की कमी के कारण पलायन एक गंभीर मुद्दा है.
  • ग्रामीण इलाकों की सड़कों में सुधार और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना भी एजेंडा रहता है.

वोटों का गणित क्या है? 

चुनाव आयोग द्वारा 30 सितंबर 2025 को जारी अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 2.85 लाख है. इसमें लगभग 1.51 लाख पुरुष मतदाता और 1.34 लाख महिला मतदाता हैं. 2020 के बाद इस सीट पर मतदाताओं की संख्या में लगभग 9 हजार का इजाफा हुआ है.  सामाजिक समीकरणों के लिहाज से कुशवाहा और यादव मतदाताओं की संख्या निर्णायक है. राजपूत, भूमिहार, मुस्लिम लगभग 8-10% हैं. अति पिछड़ा वर्ग (EBC) भी परिणामों को प्रभावित करते हैं. 

पिछले चुनावों की हार-जीत

2020 में परबत्ता सीट पर JDU के डॉ. संजीव कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल के दिगंबर प्रसाद तिवारी को महज 951 वोटों के बेहद करीबी अंतर से हराकर जीती थी. 

2015 के चुनाव में जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह ने भाजपा के रामानुज चौधरी को 28,924 वोट से हराया था. 

2010 के विधानसभा चुनाव में सम्राट चौधरी यानी राकेश कुमार ने जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह को महज 808 वोटों से हराया था. 

2024 के लोकसभा चुनाव में परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में एनडीए उम्मीदवार (लोजपा-रामविलास) ने विपक्षी महागठबंधन (राजद) के उम्मीदवार पर अच्छी बढ़त हासिल की थी. 

इस बार माहौल क्या है?

परबत्ता विधानसभा सीट पर 2020 और 2010 में हार जीत का अंतर एक हजार से कम वोटों का रहा था. ऐसे में यहां कांटे की टक्कर हो सकती है. एनडीए अपने उम्मीदवार की व्यक्तिगत अपील और सरकार के विकास कार्यों के दम पर सीट बरकरार रखने की कोशिश करेगा. वहीं RJD के लिए यह सीट महत्वपूर्ण है  क्योंकि वह यहां यादव, कुशवाहा और अन्य पिछड़े वर्ग के वोटों को एकजुट चुनौती देने की तैयारी कर रही है. 

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