Bihar Election 2025: पटना जिले की बिक्रम विधानसभा सीट राजनीतिक रूप से काफी अहम मानी जाती है. यह पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और बिक्रम, नौबतपुर और बिहटा प्रखंड के कुछ क्षेत्रों को कवर करती है. इस सीट का चुनावी इतिहास काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है, जहां कई दलों का वर्चस्व देखने को मिला है.
राजनीतिक इतिहास
1957 में इस सीट पर पहली बार चुनाव हुआ, जब कांग्रेस की मनोरमा देवी विधायक बनीं. बिक्रम सीट पर अब तक 6 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. वहीं, सीपीआई (CPI) के रामनाथ यादव ने लगातार 4 बार (1980 से 1995 तक) यहां जीत हासिल की. साल 2000 के बाद इस सीट पर भाजपा, लोजपा और कांग्रेस बारी-बारी से काबिज रहे. बीजेपी ने तीन बार इस सीट को जीता है.
2020 चुनाव का रिजल्ट
हाल के 2020 विधानसभा चुनाव में यह सीट महागठबंधन के हिस्से में रही, जहां कांग्रेस के सिद्धार्थ सौरव ने जीत दर्ज करते हुए लगातार दूसरी बार इस सीट पर कब्जा किया. सिद्धार्थ सौरव ने 35,460 वोटों के अंतर से अनिल कुमार को हराया. वहीं, बीजेपी के अतुल कुमार तीसरे स्थान पर रहे थे.
जातीय समीकरण
बिक्रम विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरणों की बात करें तो भूमिहार मतदाता बड़ी भूमिका में रहते हैं. इसके अलावा, यादव, कोइरी और रविदास मतदाताओं की संख्या भी यहां ज्यादा है. यह सीट अक्सर सीधे मुकाबले वाली रही है, जहां इन प्रमुख समुदायों का झुकाव जीत-हार तय करता है.
चुनावी मुद्दे
बिक्रम सीट राजधानी पटना के करीब होने की वजह से विकास, खासकर सिंचाई के मुद्दों को लेकर अक्सर चर्चा में रहती है. यह सीट आगामी चुनावों में भी राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश करेगी.