बिहार में कोरोनावायरस (Coronavirus in Bihar) संक्रमितों की संख्या 70 पार हो चुकी है. राज्य सरकार लगातार संदिग्धों के टेस्ट करवा रही है. राज्य में कोरोना वॉरियर्स पर हो रहे हमलों से डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे (DGP Gupteshwar Pandey) खासा नाराज हैं. उन्होंने उपद्रवियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी है. डीजीपी पांडे ने कहा, 'सिपाही से लेकर ऊपर तक के पदाधिकारी आपके लिए लड़ रहे हैं न कोरोना से. अपनी जान को हथेली पर रखकर के रात-दिन बाहर खड़े हैं धूप में, सुबह से शाम तक, उनको कौन सुरक्षा है. वो आपको समझाने जा रहे हैं तो आप उनपर हमला कर रहे हैं, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो लोग ऐसा करेंगे उनके खिलाफ मुकदमे होंगे, हम उनको जेल में सड़ा देंगे. उनका हम जान छोड़ेंगे नहीं. कल औरंगाबाद में हुआ था, जाइए देखिए 25 लोग जेल गए. उनपर 307 की धारा भी लगी है. गुंडा रजिस्टर में नाम भी दर्ज होगा.'
डीजीपी ने आगे कहा, 'ऐसा करना बेहद अफसोसजनक है. 12 करोड़ की आबादी है. 99 प्रतिशत जो यहां की जनता है, उसका प्यार और आशीर्वाद प्राप्त है. उसी के भरोसे हम लोग ये लड़ाई लड़ रहे हैं. तो एक प्रतिशत तो समाज में ऐसे लोग होते हैं, जो नासमझी के कारण या उद्दंडता, किसी भी स्थिति में, किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी, मेडिकल अफसर, डॉक्टर या सेवा में जुटा कोई भी सरकारी कर्मचारी या पुलिस के साथ, कोई भी इस तरह का काम करेगा, उसके साथ बहुत ही कठोरता से पेश आएंगे. छोड़ेंगे नहीं. चाहें उनकी जितनी पैरवी हो. चाहें किसी जात के हों, किसी मजहब के हों, किसी दल के हों, ये गुंडागर्दी नहीं चलेगी.'
बताते चलें कि बिहार के औरंगाबाद के गोह के अकोनी में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर ग्रामीणों के हमले की जांच करने गए दाउदनगर के एसडीपीओ राजकुमार तिवारी तथा उनके साथ गई पुलिस टीम को भी आक्रोश का सामना करना पड़ा था. गुस्साए ग्रामीणों द्वारा किए गए हमले में एसडीपीओ राजकुमार तिवारी जहां घायल हो गए, वहीं उनका बॉडीगार्ड भी गंभीर रूप से जख्मी हो गया. घटना की सूचना मिलते ही औरंगाबाद के डीएम और एसपी बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. स्वास्थ्य टीम पर हुए हमले के विरोध में गोह के सभी चिकित्सक तथा चिकित्साकर्मी धरने पर बैठकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे.
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